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ग्वालियरः छात्रों का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी, निकाली प्रदेश के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की शव यात्रा

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Jun 24, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय के छात्रों का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी है। ग्वालियर में कल महाविद्यालय के छात्रों ने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ और कृषि मंत्री सचिन यादव की शव यात्रा निकाली और दाह संस्कार करने के बाद पानी से नहा कर शुद्धिकरण भी किया। इतना ही नहीं आधे घंटे की शोक सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के मुखिया की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और रोते हुए विलाप करते हुए प्रदेश के मुखिया एवं कृषि मंत्री के प्रति दुख संवेदना व्यक्त की गई।

छात्र कर रहे सरकार द्वारा कृषि शिक्षा के निजी करण एवं व्यवसायीकरण करने का विरोध

दरअसल बीते 11 जून से विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय के छात्र सरकार द्वारा कृषि शिक्षा के निजी करण एवं व्यवसायीकरण करने का विरोध कर रहे हैं। 17 जून से 3 छात्र भूख हड़ताल पर भी बैठ गए थे। बीते दिन क्षेत्र की एसडीएम द्वारा छात्रों की भूख हड़ताल को जूस पिलाकर समाप्त कर दिया गया, लेकिन छात्रों का यह आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाविद्यालय के दो छात्र जहां क्रमिक भूख हड़ताल पर फिर से बैठ गए, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कृषि मंत्री सचिन यादव की शव यात्रा निकालकर वह अपने तीखे तेवर और प्रदर्शन उग्र करते हुए नजर आने लगे हैं। महाविद्यालय के छात्रों द्वारा कॉलेज के मुख्य द्वार से होते हुए शव यात्रा को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले के सामने से होते हुए निकाला और लौटते हुए शव यात्रा कॉलेज के मुख्य द्वार पर ही समाप्त हुई। जहां छात्रों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री के शव का दाह संस्कार किया और जल्द से शुद्धिकरण करने के बाद रोते हुए शोक संवेदना व्यक्त की।

अब सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं छात्र

प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना है कि प्रदेश के मुखिया की उंगली में एक चोट पहुंचती है और उनका ऑपरेशन होता है तो सारा प्रदेश उनकी ओर ध्यान देने लगता है, लेकिन बीते कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की ओर प्रदेश शासन की और से कोई भी ध्यान नहीं दिया गया। इससे साफ नजर आता है कि प्रदेश के अंदर प्रदेश के मुखिया को सिर्फ अपने हितों की चिंता है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने साफ संकेत दे दिया है कि यदि समय रहते उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो वह सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करने की तैयारी में है।