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गरीबों की थाली का सरकारी खाद्यान्न बिकने पहुंचा मण्डी

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Apr 4, 2018

मध्यप्रदेश के राजगढ़ में सरकारी अनाज की चोरी का खेल कैमरे में कैद हुआ है। 90 बोरी गेहूं को 2 अलग-अलग पिकअप वाहन में भरकर चोरी कर बेचने के लिए मण्डी ले जाने का मामला सामने आया है। बता दें राजगढ़ के दीनदयाल योजना के तहत मिलने वाली 5 रू. की थाली के केन्द्र से गेहूं चोरी करके भरा जा रहा था और पिकअप वाहन में भरकर यह गेहूं खुजनेर रोड़ स्थित मण्डी में बिकने पहुंच गया जिसकी पल-पल की तस्वीर स्वराज एक्सप्रेस के कैमरे में लाईव कैद हुई है। सरकारी गेहूं बिकने की सूचना जब अधिकारियों को लगी तो जांच करने के लिए मौके पर नायब तहसीलदार और फूड अधिकारी भी पहुंच गए जहां उन्होंने अलग-अलग दो पिकअप वाहन में 90 बोरी सरकारी गेहूं व आंगनवाड़ी मे बंटने वाले 9 बोरी पोषण आहार की भी बरामद हुई। 

समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी के दौरान कई बार देखने में आता है कि व्यापारी का गेहूं भी किसानों के नाम से बिक जाता है। राजगढ़ जिले में इस तरह के कई मामले कई बार सामने आ चुके हैं लेकिन मंगलवार को जो हुआ वह अभी तक देखने मे नहीं आया था। पण्डित दीनदयाल योजना के तहत केन्द्र से दो पिकअप गेहूं भरकर राजगढ़ उपार्जन केन्द्र पहुंचा था। जिसकी सूचना एसडीएम को लगने के बाद उन्होंने तुरंत नायब तहसीलदार प्रदीप भार्गव एवं खाद्य निरीक्षक को मौके पर भेज दिया। जैसा सुना था वैसा ही देखने को मिला जहां गेहूं बेचने आए पिकअप वाहन के चालकों ने बताया कि यह गेहूं मंगल भवन स्थित केन्द्र से लेकर आए हैं। 

एसडीएम पहुंची मौके पर
वहीं एसडीएम ममता खेड़े भी मौके पर पहुंची जहां उन्होंने पूरे गेहूं को जप्त किया और आगे की जांच शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि मध्यान्ह भोजन के साथ ही 5 रूपये थाली का क्रियान्वयन भाजपा के प्रदेश कार्यक्रम एंव क्रियान्वयन समिति के प्रभारी हेमन्त जोशी देख रहे हैं। जिस समय गेहूं मध्यान्ह भोजन बनाने वाले केन्द्र और दीनदयाल योजना के तहत मिलने वाली 5 रू. थाली के केन्द्र से गेहूं भरा जा रहा था उस समय मुखबिर की सूचना पर मीडियाकर्मियों तक ये बात पहुंची। मौके पर प्रजापति ब्रदर्स लिखी पिकअप पर खाद्यान्न भरा जा रहा था। जिसका नंबर एमपी 39 जी 2564 था। पिकअप पर खाद्यान्न भरकर हाईवे के रास्ते सीधा उसे उपार्जन केन्द्र ले जाया गया। जहां गाड़ी को 9 नलंबर पर ले जाकर खड़ा किया गया। सूचना एसडीएम ममता खेड़े के पास पहुंचने के बाद उन्होंने तुरंत जांच दल मौके पर भेजा।

जब मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि एक पिकअप बडलावदा से लेकर आए हैं और दूसरी मंगल भवन स्थित दीनदयाल भोजन केन्द्र से भरी है। सभी बोरे जिनमे गेहूं थे। वह शासकीय बोरे थे वहीं पिकअप मे जो गेहूं था वह नया न होकर पुराना था।

नया नहीं है मामला
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पचोर, मलावर, सुस्तानी, उदनखेड़ी जैसे उपार्जन केन्द्र विवादों में रह चुके हैं। इनमें से कुछ मामलों में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। वहीं कुछ लोगों के खिलाफ वसूली के भी आदेश हो चुके हैं। देखना है कि इस मामले मे क्या निकलकर सामने आता है।