Mar 15, 2020
एमपी में बीते काफी समय सियासी संग्राम चल रहा है। इस सियासी संग्राम में शनिवार को निर्णायक मोड़ आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश भाजपा नेताओं के एक दल द्वारा राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के सात घंटे बाद राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार को सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दे दिया है। मध्यरात्रि को जारी पत्र में राज्यपाल ने निर्देश दिया कि अभिभाषण के ठीक बाद सरकार बहुमत साबित करे। विश्वास मत पर वोटिंग बटन दबाकर होगी, अन्य किसी तरीके से नहीं। वहीं जयपुर के रिजॉर्ट में ठहरे कांग्रेस विधायक भोपाल एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए हैं। भोपाल एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई और धारा 144 लागू की गई। बता दें कि कांग्रेस विधायकों के शीघ्र ही जयपुर से यहां आने की उम्मीद है।
संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने की मांग
बता दें कि, इसकी संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाए। यह कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को प्रारंभ होगी और इस दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी। राज्यपाल के इस फरमान के साथ जोड़-तोड़ की सियासत करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। अनुच्छेद 174 व 175 के तहत आदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजे पत्र में राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 174 व 175 (2) एवं अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है। इससे पहले भाजपा नेताओं ने 16 मार्च से पहले विधानसभा का सत्र बुलाने और फ्लोर टेस्ट की मांग की थी।
विधानसभा की दलीय स्थिति बड़ा बदलाव
बता दें कि छह के इस्तीफे मंजूर होने से विधानसभा की दलीय स्थिति में भी बड़ा बदलाव आ गया है। अब सदन में कांग्रेस और भाजपा के बीच मात्र एक सीट का अंतर बचा है। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। दोनों ही हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।