Loading...
अभी-अभी:

ग्वालियर : 3 स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति देने पर सरकार पर एक लाख का हर्जाना

image

Oct 7, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा - हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शिवपुरी के सिविल सर्जन और 3 स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति देने में हीला हवाली करने और अपने अफसरों कर्मचारियों को बचाने के मामले में सरकार पर एक लाख का हर्जाना लगाया है हाई कोर्ट ने कहा है कि कई साल तक मामले को लंबित रखने के पीछे सिर्फ कर्मचारियों को बचाना मकसद हो सकता है इसीलिए शायद उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस संगठन को कार्यवाही की अभियोजन स्वीकृति नहीं दी गई।

इन लोगो के खिलाफ चलाया गया अभियोजन

दरअसल शंकर लाल शर्मा की पत्नी सीमा शर्मा को साल 2008 में जिला अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती कराया गया था जहां उनसे चार सौ रुपये की रिश्वत ली गई इस मामले की शिकायत उन्होंने लोकायुक्त पुलिस में की लोकायुक्त पुलिस के इंस्पेक्टर द्वारा मामले की छानबीन की गई और शंकर लाल की शिकायत को सही पाया क्योंकि इस मामले में स्वास्थ्य कर्मी सरकारी कर्मचारी थे इसलिए उनके खिलाफ मामला चलाने के लिए शासन से अनुमति चाहिए थी। इसके लिए शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें सिविल सर्जन डॉक्टर एस के कुमरे स्वास्थ्य कार्यकर्ता दीप्ति तोमर गीता शर्मा सावित्री चंदोलिया के खिलाफ अभियोजन चलाया जाना था।

30 दिन के भीतर दिये याचिका दायर के आदेश

कोर्ट में चालान पेश करने के लिए 2009 से यह मामला पेंडिंग था हाईकोर्ट ने कई बार संबंधित विभाग और विधि सचिव को भी इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन मामला पेंडिंग रहा आखिरकार हाई कोर्ट ने जानबूझकर रोकी गई अनुमति पर शासन पर एक लाख का हर्जाना लगाया है 30 दिन के भीतर अभियोजन की स्वीकृति देने के भी आदेश हाईकोर्ट ने किए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि 30 दिन के भीतर उक्त राशि और स्वीकृति नहीं मिलने पर इस मामले को दोबारा कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए एक लाख में से याचिकाकर्ता को 50 हजार देने लीगल सेल में 50 हजार जमा करने के निर्देश सरकार को दिए गए हैं।