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मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल लाचार

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May 23, 2018

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही देखने को मिली है अभी कुछ दिनों पहले ही डॉक्टर आरकेएस धाकड़ पर एक 5 साल के मासूम बच्चे का गलत पैर का ऑपरेशन करने का आरोप लगा था जिसकी अभी तक जांच भी पूरी नहीं हो पाई है इसी बीच एक और शख्स ने डॉ आरकेएस धाकड़ पर ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरतने के कारण बाएं पैर से विकलांग करने का आरोप लगाया है इस मामले में खास बात यह है की जांच में डॉक्टर की लापरवाही पाई गई है लेकिन स्वास्थ्य महकमा डॉक्टर पर अभी तक कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं कर पाया है

एक बार फिर जाने माने आर्थोपेडिक सर्जन और अंचल के सबसे बड़े अस्पताल समूह जयारोग्य  के आर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉ आरकेएस धाकड़ पर हरि सिंह तोमर नाम के शख्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं हरि सिंह का कहना है कि 26 अप्रैल 2016 को उन्होंने डॉक्टर धाकड को एक्सीडेंट होने से बांए पैर मे फ्रैक्चर की शिकायत होने के बाद दिखाया था जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें पैर की सर्जरी कराने की बात कही थी।

निजी अस्पताल में किया ऑपरेशन

सर्जरी न कराने की सूरत में पैर काटने का डर दिखाकर व सरकारी अस्पताल में संसाधन ना होने की बात कहकर डॉक्टर धाकड़ ने एक निजी अस्पताल में उनका ऑपरेशन कर डाला हरि सिंह का आरोप है कि ऑपरेशन के तुरंत बाद ही उनके पैर में जलन और तकलीफ का दौर शुरू हो गया जिसके बाद उनके बाएं पैर के पंजे ने काम करना ही बंद कर दिया इसे डॉक्टरी भाषा में फुट ड्राप कहा जाता है इस बीच हरि सिंह ने दूसरे डॉक्टर से सेकंड ओपिनियन लिया जिसमें डॉक्टर ने बताया की ऑपरेशन की जरूरत थी ही नहीं इसमें प्लास्टर से ही काम हो सकता था।

कई आलाधिकारियों तक की शिकायत

पिछले 2 साल में हरि सिंह ने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सहित प्रदेश व जिला स्तर के सभी स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों तक  से शिकायत की है इस दौरान  स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की जांच भी करवाई थी जिसमें ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को दोषी पाया गया था लेकिन इन सबके बाद भी आज तक स्वास्थ्य ने अपने ही डॉक्टर पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया हैं अपने पैर से लाचार हरिसिंह डॉक्टर धाकड़ पर सख्त कार्रवाई के साथ सजा की मांग कर रहा है।

जांच रिपोर्ट में मानी डॉक्टर की लापरवाही की बात

वही स्वास्थ्य महकमा अपनी जांच रिपोर्ट में डॉक्टर की लापरवाही की बात तो मान रहा है लेकिन डॉक्टर पर कार्रवाई करने की जगह उस प्राइवेट हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने की बात कह रहा है जिसमें हरि सिंह का ऑपरेशन हुआ था जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अपना ही तर्क दे रहा है।

पांच साल के बच्चे का किया गलत ऑपरेशन

अभी कुछ ही दिनो पहले पांच साल के विकास उर्फ भूरे के दाए पैर की जगह बांए पैर का गलत आपरेशन करने कर आरोप डाक्टर आरकेएस धाकड पर लगा था ऐसे मे एक और मामले मे अंचल के सबसे बडे अस्पताल के आर्थोपैडिक विभाग के एचओडी का नाम आना गंभीर मामला है।

जांच पर ही खड़े हो रहे है सवाल

जरूरत है कि ऐसे गंभीर मामलो मे दोषी डाक्टरो पर जल्द कार्यवाही की जाये लेकिन इस पूरे मामले मे जांच मे डाक्टर के दोषी पाए जाने के बाद भी कार्यवाही नही हो पा रही है ऐसे मे स्वस्थ्य विभाग की जांच पर ही सवाल खडा होता है कि आखिर क्या वे अपने विभाग के रसूखदार बड़े ओहदे पर बैठे डाक्टर को बचाने का प्रयास कर रहे है।