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पुलिस ले जा रही थी पिता को जेल तो बेटियों ने रोका वाहन

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May 23, 2018

मंगलवार को धारा 250 के आरोपी को एसडीएम न्यायालय में पेश करने के बाद जेल ले जाते वक्त पुलिस वाहन को आरोपी की बेटियों ने रोका और वाहन पर जाकर बैठ गई। बेटियों ने कहा कि उनके पिता को जेल नहीं जाने देंगे, राजस्व अधिकारी की मिलिभगत से उनके पिता को जेल भेजकर एक व्यक्ति जमीन पर कब्जा करना चाहता है। पुलिस ने सख्त रवैया अपनाते हुए वाहन के सामने से ग्रामीण की बेटियों को हटाया और ताराचंद वर्मा को जेल पहुंचाया। बेटियों का कहना कहना था कि उनकी जमीन पर एक व्यक्ति जबरन कब्जा करना चाहता है जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं जिनकी मद्द से मेरे पिता को जेल पहुंचाया जा रहा है जिससे वह आसानी से जमीन पर कब्जा कर लें। 

सीहोर राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों पर लगे गंभीर आरोप
उलझावन ग्राम निवासी विनीता वर्मा और उसकी बहनों ने जमीन से जुडे एक मामले को लेकर सीहोर राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए। ताराचंद वर्मा की बेटी विनिता का कहना है कि ग्राम उलझावन में उनके पिता ने 6 एकड़ भूमि खरीदी थी जिस पर उनका कब्जा है और उस पर वह खेती भी करते हैं इस भूमि में एक कुआं भी है। मांगीलाल राय नामक एक व्यक्ति इस भूमि पर जबरन कब्जा करना चाहता है। जो आए दिन हमारे घर पर गुंडों को पहुंचाता है जो उन्हें डराते धमकाते हैं और जमीन छोडने की धमकी देते हैं। विनिता ने बताया कि वह 8 बहने हैं और उनकी मां भी नहीं है पिता को भी जेल भेज दिया है। 

वकील धर्मेन्द्र प्रजापती का क्या है कहना 
ताराचंद के वकील धर्मेन्द्र प्रजापती का कहना है कि उनके पक्षकार को जेल पहुंचाया गया है। जब तक जमीन का बंटान नहीं होता उन्हें जेल से मुक्त करना चाहिए। इस संबंध में उनके द्वारा अपील प्रस्तुत की थी जिसका निराकरण नहीं हुआ है। प्रजापती का कहना है कि उनके पक्षकार ताराचंद द्वारा खसरा क्रमांक 1103,1108 में 6 एकड जमीन खरीदकर कुंआ खुदवाया था जिस पर वह खेती करते हैं। जबकि अजमत अली और मांगीलाल राय की जमीन खसरा 1098,1099 पर है। पटवारी और आरआई द्वारा नक्शे को बदला गया है। जिसके चलते यह सारा विवाद पैदा हुआ। 

1.50 एकड़ जमीन पर किया कब्जा
पूरे मामले को लेकर सीहोर एसडीएम राजकुमार खत्री का कहना है कि ताराचंद द्वारा मांगीलाल राय की 1.50 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा है जिसमें एक कुंआ भी है जो वह छोड नहीं रहा है। कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई है। पूर्व में ताराचंद को नोटिस भेजा गया था लेकिन वह कब्जा छोडने को तैयार नहीं था इसलिए जेल की कार्रवाई की गई है।