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मंडलाः मानव तस्करों से नाबालिग बच्ची को जान का खतरा

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Aug 3, 2019

अमित चौरसिया- आदिवासी बाहुल्य मंडला जिलें में मानव तस्करी थमने का नाम नहीं ले रहा है। तस्कर इतने शातिर हैं कि किसी न किसी बहाने नाबालिग बच्चों को लालच देकर अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं और दूसरे राज्यों में ले जाकर उनको बेच देते हैं। एक ऐसा ही मामला जिले के घुँघरी क्षेत्र से सामने आया है। बता दें, किसली गांव की रहने वाली नाबालिग बच्ची समारो को गांव की ही रामवती बाई यह कह के अपने साथ ले गई कि तुमको मंडला में अच्छा काम दिलवाऊंगी, लेकिन रामवती बाई ने मंडला लाकर दिलवर नामक व्यक्ति को लड़की बेच दी और दिलवर नामक व्यक्ति उक्त नाबालिग बच्ची को दिल्ली ले गया। वहाँ पर इसने नाबालिग बच्ची को सुखचैन नामक युवक को बेच दिया। सुखचैन ने भी नाबालिग बच्ची मनोज उर्फ़ गोलू को बेच दी।

NGO ने दिल्ली पुलिस की मदद से बच्ची को मानव तस्करो के चंगुल से कराया मुक्त

मनोज उर्फ़ गोलू नाबालिग बच्ची समारो को बंधक बनाकर जोर जबरदस्ती से दिल्ली करोलबाग़ में काम करा रहा था। जिसकी जानकारी बच्ची ने फोन के माध्यम से अपने रिस्तेदारों को दी। जिसके आधार पर इधर मंडला में बच्ची की दादी बुद्धन बाई ने उस महिला रामवती बाई पर दबाब बनाना शुरू कर दिया। जो महिला उक्त नाबालिग बच्ची को काम दिलाने के बहाने अपने साथ ले गई थी। ग्रामीणों और बच्ची की दादी के दबाब के चलते महिला तस्कर रामबाई ने बताया कि आपकी बच्ची कहीं दिल्ली में काम कर रही है। बच्ची की दादी ने जन सहयोग संस्था के हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत कर आपबीती बताई जिसके बाद जन सहयोग नाम के NGO ने दिल्ली महिला आयोग की सदस्य प्रमोला गुप्ता से सम्पर्क कर दिल्ली पुलिस की मदद से बच्ची को 29/7/19 को मानव तस्करो के चंगुल से मुक्त कराया।

NGO कार्यकर्ता राजू जाधव बच्ची को लेकर उसके गांव किसली थाना घुंघरी जिला मंडला पहुँचे, लेकिन बच्ची और उसकी दादी को डर है कि जो महिला बच्ची को ले गई थी, बो और उसके अन्य साथी पीडितों के साथ कुछ भी कर सकते हैं। जिसके चलते नाबालिग बच्ची अपनी दादी के साथ मंडला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँच अपनी सुरक्षा की मांग की है।