Feb 15, 2019
अज़हर शेख- दुनिया भर के सात हज़ार से ज्यादा नेत्र रोग विशेषज्ञों की सबसे बडी कांफ्रेंस 14 फरवरी से शुरु हो गई। इस अवसर पर देश विदेश के लगभग 200 वक्ता और इतने ही प्रतिभागी भाग लेने के लिए इंदौर पहुंचे। इस कांफ्रेंस का औपचारिक शुभारंभ सांय 6 बजे नोबल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के करकमलों द्वारा हुआ।
मानवता की सेवा में लगे नेत्र विशेषज्ञ, कहा नेत्र जीवन का अनमोल उपहार
कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि आंखें दुनिया को देखने के लिए एक खिड़की है। इस कांफ्रेंस में आए सभी नेत्र रोग विशेषज्ञ नेत्र विकारों को दूर कर मानवता की सेवा का काम कर रहे हैं। ताकि नेत्र विहीन लोग स्पष्ट रुप से देख सकें और इस दुनिया की भलाई का काम कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि इस दुनिया को जब हम एक बच्चे की नज़र से देखना चाहिए। जैसे बच्चों की नज़र में दुनिया की कोई चिंता नहीं होती, वैसी ही हमें भी अपना दृष्टिकोण रखना चाहिए, जहां सारी चिंताएँ गायब हो जाऐंगी और हम समस्याओं के माध्यम से और उसके बाहर भी स्पष्ट रूप से देख पाएंगे। एक दृष्टिहीन व्यक्ति भावनात्मक रूप से बिगड़ा हो सकता है तब, जब हमारी आँखें दूसरों के दर्द और पीड़ा को देखने में असमर्थ रहें। हम सभी को ऐसी दृष्टि और दृष्टि प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए। भारत के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड, स्पेन, कनाडा, अर्जेंटीना, पाकिस्तान, बांग्लादेश, यूएई, से भी लगभग 200 वक्ता और इतने ही प्रतिभागी भी आए हैं।