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1800 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसेगी ​कमलनाथ सरकार

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Aug 27, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश में मिलावटखोरों के बाद अब झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कमलनाथ सरकार की, सरकारी मशीनरी एक्शन मोड में आने वाली है। प्रशासन ने ग्वालियर जिले के 1800 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसने का एक्शन प्लान बना लिया है। बीते दो साल के अंदर इलाज के दौरान या इलाज के बाद करीब 24 मौते हुई है। इन मौतों के पीछे जब वजह तलाशी गई तो ये खुलासा हुआ कि ग्वालियर जिले में 1800 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। जिला मुख्यालय से लेकर छोटे-छोटे गांवों तक झोलाछाप का जाल फेला है, यही वजह है कि अब प्रशासन ने झोलाछापा डॉक्टरों के खिलाफ अभियान शुरु करने जा रहा है।  
 
24 लोगों की इलाज के दौरान मौत
बीते एक साल में ग्वालियर जिले के करीब 24 लोगों की इलाज के दौरान या इलाज के फौरन बाद संदिग्घ परिस्थितियों में मौत हुई। इनमें इलाज करने का इल्जाम झोलाछाप या अमानक डिग्री वाले डॉक्टरों पर लगे हैं। गांव-गांव ही नही कस्बों, शहरों से लेकर ग्वालियर महानगर तक में झोला छाप डॉक्टरों का जाल फेला हुआ है। झोलाछाप डॉक्टरों के चलते अंचल में गलत इलाज और अमानक दवाओं की खपत बढ़ रही है। मिलावट पर शिकंजा कसने के बाद अब ग्वालियर जिला प्रशासन ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन प्लान बनाया है। स्वास्थ महकमें के सामने जो आंकडे सामने उनके खुद ग्वालियर जिले भर में 1800 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर है, इनमें आरएमपी, नर्सिंग डिप्लोमा धारी, या फिर अन्य तरह से फर्जी डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टर शामिल है। प्रशासन इन डॉक्टरों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने जा रहा है।

पंद्रह हजार झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला
ग्वालियर-चंबल संभाग में करीब पंद्रह हजार झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला हुआ है। उधर ग्वालिय़र जिला प्रशासन के एक्शन मोड में आने की खबर से प्रायवेट मेडिकल प्रैक्टिस करने वालों में हड़कंप मच गया है। जानकारों का मानना है कि झोलाछाप डॉक्टरों का जाल पूरे प्रदेश में बीमारी की तरह फैला हुआ है, स्वास्थ महकमें की कमीशनखोरी और स्थानीय नेताओं के संरक्षण के चलते झोलाछाप डॉक्टरों की तादाद बढ़ रही है। मिलावट खोरी के खिलाफ ठोस एक्शन करने वाला ग्वालियर जिला प्रशासन अब झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ ऑपरेशन शुरु करने जा रहा है, देखना ये है कि प्रशासन की कार्रवाई किस अंजाम तक पहुंचती है।