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ग्वालियरः जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन की गलती से 19 करोड़ 62 लाख रूपए का बजट हुआ लेप्स

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Jun 11, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- सूबे में सरकार शिवराज की हो या फिर कमलनाथ की, इससे सरकारी मशीनरी पर जरा भी फर्क नहीं पड़ रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन की गलती से 19 करोड़ 62 लाख रूपए का बजट लेप्स हो गया है। ये वो पैसा है, जिसे जयारोग्य अस्पताल में मरीजों की दवाओं से लेकर अलग-अलग मतों में खर्च करना था। आनन-फानन में ग्वालियर के संभागीय कमीश्नर ने इसे मामले में प्रबंधन को नोटिस जारी किया है, तो वहीं प्रबंधन की दलील है कि पैसा लेप्स नहीं हुआ है, बल्कि सरेंडर किया है।

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में कभी लिफ्ट, स्ट्रेचर, दवा और तमाम सुविधाओं को लेकर मरीज रोज परेशान होते हैं। यहां गर्मी के मौसम में मरीज को घर से पंखा लाना भी अब सिस्टम में आ गया है। दूसरी तरफ हकीकत यह है कि शासन ने मरीजों से जुड़ी कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 19 करोड़ 62 लाख 18 हजार रुपए का बजट दिया था। यह जेएएच प्रबंधन की लापरवाही के कारण लेप्स हो चुका है। ऐसे में मरीजों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वो इसलिए क्योंकि उन्हें सरकार की और से मिलने वाली दवाएं मुफ्त में नहीं मिल रही है, बल्कि बाजार से खरीदनी पड़ रही है, जबकि वही पैसा लेप्स हो गया है।

कमलनाथ सरकार आने के बाद भी बदइतंजामी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा

मध्य प्रदेश शासन ने साल 2018-19 में जयारोग्य चिकित्सालय समूह को अलग-अलग 8 मदों में मरीज व स्टाफ की सुविधा के लिए खर्च को राशि दी गई थी। अब ऐसे में जब बजट लेप्स हुआ है, तो ग्वालियर संभाग आयुक्त बीएम शर्मा ने काम में लापरवाही बरतने पर ही जयारोग्य चिकित्सा समूह के प्रशासकीय अधिकारी अनिल सारस्वत और अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल का बजट लेप्स नहीं हुआ है, बल्कि पोर्टल में टेक्निकल फॉल्ट होने के कारण और वित्तीय वर्ष खत्म होने के कारण सरेंडर किया है। ऐसे में जयारोग्य प्रबंधन की अपनी दलील है, लेकिन कुल मिलाकर जयारोग्य अस्पताल में कमलनाथ सरकार आने के बाद भी बदइतंजामी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।