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MP की शान है 100 से ज्यादा टाइगरों वाला कान्हा नेशनल पार्क, विदेशी पर्यटक भी हैं इसके दीवाने...

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Jul 29, 2020

100 से ज्यादा टाइगरों वाला कान्हा नेशनल पार्क पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। सतपुड़ा के जंगलों में 2 जिले मंडला और बालाघाट में 940 स्क्वेयर किलोमीटर इलाके में फैले इस पार्क में करीब एक सैकड़ा से ज्यादा टाइगर हैं, जिनमें 50 के करीब नर और इतनी ही मादा हैं। यहां बाघों का दीदार आसानी से हो जाता है। यहां के टाइगर इंसानों के करीब आकर उनका भरपूर मनोरंजन करते हैं। बता दें कि, यहां के मुन्ना और छोटा मुन्ना टाइगर के लोग दिवाने हैं। 

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
खास बात ये है कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा पर्यटकों के बीच हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र बना रहता है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को 1879 में एक आरक्षित वन घोषित कर दिया गया था और इसके बाद 1933 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में इसका पुनर्मूल्यांकन किया गया, फिर 1955 में आगे चलकर एक राष्ट्रीय पार्क बना।

108 बाघों के साथ देश में दूसरे नंबर पर कान्हा नेशनल पार्क
कान्हा नेशनल पार्क 108 बाघों के साथ देश में दूसरे नंबर पर है। यहां 100 के करीब बाघ हैं और एक बाघ को करीब 25 किलोमीटर क्षेत्र चाहिए होता है, इस लिहाज से 2500 किलोमीटर का क्षेत्र होना चाहिए। क्षेत्र कम होने से यहां के बाघ दूसरे जंगलों की तरफ रूख करते हैं और यही कारण है कि इनकी संख्या भी स्थिर होती रहती है। कान्हा नेशनल पार्क 108 बाघों के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। पिछले साल आज ही के दिन एमपी को यह खिताब दोबारा मिला था और उसने अपना खोया दर्जा हासिल किया था। फिलहाल मध्य प्रदेश 526 बाघों के साथ देश में नंबर वन है, जबकि कान्हा नेशनल पार्क 108 बाघों के साथ देश में दूसरे नंबर पर है।

लॉकडाउन से कम हुई पर्यटकों की संख्या
कान्हा टाईगर रिजर्व का सीजन मार्च से जून तक होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में यहां देश विदेश से पर्यटक आते हैं, लेकिन इस साल बाघों का दीदार करने और उनकी दहाड़ सुनने वालों को मायूस होना पड़ा, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान इसे बंद करना पड़ा। लॉक डाउन के चलते जहां पर्यटकों को मायूस होना पड़ा वहीं पर्यटन से जीवन यापन करने वालों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

विदेशी पर्यटक भी हैं दिवाने
सर्दियों में यहां जंगल सफारी का एक अलग ही मजा है। अगर आप भी जंगल सफारी का मजा लेना चाहते हैं, तो आपके लिए कान्हा नेशनल पार्क बेस्ट जगह है। यहां बंगाल टाइगर की अच्छी खासी आबादी है, जिसके करण जंगल सफारी के दौरान यहां बाघ दिखने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। 

यहां मिलते हैं कई और जानवर
बंगाल टाइगर के अलावा यह नेशनल पार्क बारहसिंगों के लिए भी फेमस है। हालांकि यहां चीता, बाघ, चीतल, बार्किंग डियर, गौड़ और पक्षियों की कई प्रजातियां भी पाई जाती हैं। यही वजह है कि देसी से लेकर विदेशी पर्यटक भी यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।