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Rewa/जन्म से नहीं थे दोनों हाथ, हौंसले से हासिल किया मुकाम, बारहवीं में आए 82 प्रतिशत नंबर

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Jul 29, 2020

मऊगंज तहसील के कृष्ण कुमार ने बारहवीं की परीक्षा पैरों से लिखकर 82 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित कर सबको चकित कर दिया है। कृष्ण कुमार के बुलंद हौंसलों के आगे मजदूर पिता की गरीबी भी आड़े नहीं आई। पढ़ाई के लिए हर दिन 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचने वाले इस होनहार छात्र ने प्रकृति को भी मात देकर उत्कृष्ट विद्यालय मऊगंज के टॉप टेन छात्रों में जगह बनाई है। लेकिन गरीबी उसके दिमाग में इस कदर भर गई है कि वह क्लर्क की नौकरी करके परिवार की मदद करना चाहता है। कभी कृष्ण कुमार की दिव्यांगता पर आंसू बहाने वाला परिवार अब उसकी इस उपलब्धि पर गद्गद् है।

मजबूत इरादों से हासिल किया मुकाम
दरअसल, कृष्ण कुमार के दोनों हाथ जन्म से ही नहीं थे। अपने तीन भाई और चार बहनों के बीच न केवल चलना सीखा बल्कि पढ़ाई में भी मन लगाया। बचपन में ही पैरों से सारे काम करने का हुनर खुद विकसित किया और अब मजबूत इरादे और बुलंद हौंसले से वह मुकाम हासिल किया जो हाथ वाले भी नहीं कर पाए। कक्षा एक से बारहवीं तक की परीक्षा में पैरों से ही कॉपी लिखकर उत्तीर्ण की है।

कृष्ण कुमार ने कला संकाय में हासिल किया तीसरा स्थान
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मऊगंज में कला संकाय में कृष्ण कुमार ने तीसरा स्थान हासिल किया है। उन्हें 500 में से 414 नंबर मिले हैं। जबकि वे विद्यालय में दसवें नंबर पर हैं। उनका गांव हरई मुड़हान मऊगंज तहसील मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर है, वहां से वे पैदल चलकर विद्यालय आते जाते थे। पढ़ाई के प्रति लगन ऐसी की रास्ते में ही बैठकर पैर से होमवर्क करने लगते थे। इस मेधावी छात्र की उपलब्धि चाहे भले ही किसी पहाड़ की चोटी के बराबर हो पर ख्वाहिश बहुत छोटी है। कृष्ण कुमार केवट क्लर्क बनकर परिवार की मदद करना चाहते हैं। उनके पिता रामजस केवट मजदूरी करते हैं और उसी से चार भाई और चार बहनों का परिवार चलता है। कृष्ण कुमार आगे पढऩा तो चाहते हैं लेकिन परिवार की स्थिति देखकर नौकरी की इच्छा रखते हैं। वे बताते हैं उनकी पढ़ाई की लगन देखकर स्टेशनरी व बुक की दुकान चलाने वाले अशोक गुप्ता और मनीष श्रीवास्तव पढ़ाई की हर चीज उन्हें बिना पैसे के देते आ रहे हैं। 

छात्र के पिता ने कही ये बात?
मेधावी छात्र के पिता रामजस केवट ने कहा कि बेटे ने हमें निहाल कर दिया। सोचा भी नहीं था कि ऐसा दिन देखने को मिलेगा, सभी लोग उसकी खूब तारीफ करते हैं तो सुनकर अच्छा लग रहा है। पर यह अफसोस हमेशा रहता है कि उसे सुविधा नहीं दे पाए।