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12वीं में 85 प्रतिशत के साथ राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाने पर सरकार भरेगी फीस

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Jan 12, 2017

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास पर विद्यार्थी पंचायत में घोषणा की है। उन्होंने म.प्र. बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों का राष्ट्रीय-स्तर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए चयन होने पर उनकी पूरी फीस राज्य सरकार भरेगी। जिन विद्यार्थियों के 85 प्रतिशत से कम अंक आते हैं और उनका चयन राष्ट्रीय-स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में होता है तो उन्हें राज्य सरकार शून्य प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाएगी। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों से संवाद के लिए आयोजित पंचायतों की श्रंखला में यह पंचायत आयोजित की गई। चौहान ने स्वामी विवेकानन्द जी का पुण्य-स्मरण किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम से सेमेस्टर व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी। अगले शैक्षणिक सत्र से सभी महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर गणवेश लागू होगा। विद्यार्थियों और उद्योगों के बीच परस्पर संवाद के लिये एक प्लेसमेंट पोर्टल बनाया जाएगा। शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से पाँचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएँ होगी।

चौहान ने कहा कि वर्ष में एक दिन मुख्यमंत्री, मंत्री, रिटायर्ड अधिकारी, अधिकारी, कॉलेज के विद्यार्थी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने जाएँगे। इसकी शुरूआत 28 जनवरी से की जा रही है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को इस बार लेपटॉप की राशि के स्थान पर लेपटॉप दिए जाएँगे। एन.सी.सी. और एन.एस.एस. विद्यार्थियों को वेटेज देने की योजना बनाई जाएगी। सभी महाविद्यालयों का रिकार्ड ऑनलाईन किया जाएगा। अगले सत्र से राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हिन्दी में प्रश्नपत्र दे सकेंगे। राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की कोचिंग सभी वर्गों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जाएगी। चिन्हित महाविद्यालयों में प्लेसमेंट सेंटर खोले जाएँगे। इस वर्ष 50 महाविद्यालय के भवनों के लिए राशि आवंटित की जाएगी। सभी विश्वविद्यालयों में बैचलर ऑफ वोकेशनल एजुकेशन शुरू किया जायेगा। प्रत्येक संभाग में एक उत्कृष्ट महाविद्यालय और प्रत्येक जिले में एक आदर्श महाविद्यालय बनाया जाएगा। विद्यार्थियों से जुड़ी प्रमुख सुविधाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में लाया जाएगा। शासकीय स्कूलों के पाठ्यक्रमों को एन.सी.ई.आर.टी. के समतुल्य बनाया जाएगा। प्रदेश में विश्व स्तरीय कौशल विकास संस्थान खोला जाएगा।

विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री के आग्रह पर स्कूल और महाविद्यालय के स्कूल और कॉलेज की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के संबंध में सुझाव दिये। इनमें कालेजों में प्लेसमेंट सुविधा लागू करने, महाविद्यालयों में गणवेष अनिवार्य करने, एनसीसी, एनएसएस और खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्याथियों को शासकीय नौकरी में विशेष छूट देने, स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रमों में महिलाओं और बेटियों गरिमा का सम्मान करने संबंधी पाठ जोड़ने, महाविद्यालयों में शैक्षणिक स्टाफ बढ़ाने, जिलों में उत्कृष्ट महाविद्यालय बनाने, खेलकूद की सामग्री पर वेट टैक्स कम करने, पाँचवीं और आठवीं की कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएँ लेने, प्रदेश में एनएसएस का मुख्यालय बनाने, महाविद्यालय स्तर पर अखिल भारतीय परीक्षाओं की कोचिंग की व्यवस्था करने, नशे पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने और नई युवा नीति बनाने संबंधी सुझाव प्रमुख हैं।

विद्यार्थियों को दिलाया संकल्प

1. सन्मार्ग से न भटकें।

2. बेटियों की गरिमा का सम्मान करें।

3. खूब पढ़ें।

4. नशे से दूर रहें।

5. कालेज कैम्पस में नशे के विरुद्ध अभियान चलायें।

6. कम से कम एक पेड़ अवश्य लगायें और उसकी रक्षा करें।

7. स्वच्छता अभियान में भागीदारी करें।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आशीष उपाध्याय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन पर प्रकाशित ग्रंथ अतिथियों को भेंट किये। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी, म.प्र. माद्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष सुधि रंजन मोहंती और सभी जिलों से बड़ी संख्या में आये स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित थे।