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ग्वालियरः जयारोग्य अस्पताल में संचालित निजी क्षेत्र का मेडिकल स्टोर अब हो गया है बंद, मरीजों की परेशानी बढ़ी

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Aug 11, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से संचालित निजी क्षेत्र का मेडिकल स्टोर अब बंद हो गया है। 24 घंटे खुलने वाले इस मेडिकल स्टोर पर रात-दिन दवा के खरीदारों का तांता लगा रहता था और रोजाना लाखों रुपए की बिक्री होती थी। आपको बता दे कि बंद पड़े मेडिकल स्टोर से अस्पताल प्रबंधन को करीब 11 लाख रुपये महीने का किराया मिलता था, जिसका नुकसान अब अस्पताल को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में अस्पताल अब इसे नए सिरे से शुरू करने की जुगत में लगा है। जयारोग्य अस्पताल परिसर में बीचोंबीच बने निजी मेडिकल पर जहां कभी दवाइयों के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है क्योंकि मेडिकल संचालक ने इस बार मेडिकल को रिन्यू नहीं कराया है। जिसके बाद उसे पिछले दिनों बंद कर दिया गया है।

अस्पताल प्रबंधन नए टेंडर निकाल कर दोबारा से बंद पड़े मेडिकल को शुरू करने की बात कह रहे

निजी क्षेत्र में चल रहे इस मेडिकल की बंद होने की वजह केंद्र सरकार के द्वारा अमृत योजना के तहत के खोले गए मेडिकल स्टोर को माना जा रहा है क्योंकि अमृत योजना के मेडिकल स्टोर पर मरीजों को रियायती दरों पर दवाएं मिलने लगी हैं। करीब 1 साल पहले अमृत योजना के तहत खुले इस मेडिकल स्टोर में पहले तो पर्याप्त दवाएं और रेंज नहीं थी, लेकिन बाद में आरोप-प्रत्यारोप के बीच अमृत स्टोर में दवाएं मिलने लगी। जहां दवाइयों पर 40 से लेकर 70 फ़ीसदी तक डिस्काउंट मरीजों को दिया जाता है। ऐसे में 1 साल से घाटे में चल रहे निजी मेडिकल स्टोर को उसके ठेकेदार ने रिन्यू नहीं कराया और इस मेडिकल को बंद कर दिया गया है। इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बंद हुए मेडिकल के नए टेंडर बुलाए जाएंगे, क्योंकि अमृत योजना फार्मेसी सरकार की पॉलिसी के अधीन है। इसलिए वह इसमें कुछ नहीं कर सकते है। खास बात यह है कि इस बंद पड़े मेडिकल स्टोर से अस्पताल प्रबंधन को करीब डेढ़ करोड़ रुपए सालाना का लाभ मिलता था, जो कि अब बंद हो गया है। ऐसे में अब अस्पताल प्रबंधन नए सिरे से टेंडर निकाल कर दोबारा से बंद पड़े मेडिकल को शुरू करने की तैयारी कर रहा है।