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ग्वालियरः ठीक हो चुके मानसिक रोगियों को लेने नहीं पहुंच रहे परिजन

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Oct 16, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर स्थित मानसिक आरोग्यशाला में बेहतर इलाज मिलने के बाद ठीक हो चुके ऐसे कई मानसिक रोगी मौजूद हैं जिनको लेने के लिए उनके परिजन नहीं पहुंच रहे हैं। जिसके बाद संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर द्वारा ऐसे मरीजों के परिजन और संबंधित जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखने का प्लान तैयार किया है, ताकि ऐसे मरीजों के परिजनों को प्रोत्साहित कर मानसिक रूप से ठीक हो चुके लोगों को उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके। जिससे उनको परिवार के साथ एक नई जिंदगी जीने में आसानी हो।

बड़ी संख्या में मानसिक रोगियों को ठीक हो जाने के वाबजूद मानसिक रोगियों के बीच में ही रहना पड़ रहा

दरअसल ग्वालियर स्थित अंचल के सबसे बड़े मेंटल हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में मानसिक रोगी ठीक हो गए हैं। फिर भी उनके परिजन उन्हें घर ले जाने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते उनको मानसिक रोगियों के बीच में ही रहना पड़ रहा है। ऐसे में मानसिक रूप से स्वस्थ होने के बाद उनके ऊपर फिर से रोग ग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है। जिसके चलते संभाग आयुक्त के निर्देश पर ग्वालियर कलेक्टर द्वारा ऐसे मानसिक रोगी, जो अब ठीक हो चुके हैं, उनके परिजनों को पत्र लिखने के साथ ही स्वस्थ हो चुके रोगी के संबंधित जिले के कलेक्टर को पत्र लिखने का प्लान तैयार किया है। जिसमें परिजनों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह अपने ठीक हो चुके मरीज को घर ले जाएं तो वहीं संबंधित जिले के कलेक्टर को पत्र लिखने का उद्देश्य यह है कि वह मरीजों के परिजनों से संपर्क करें और मानसिक रूप से ठीक हो चुके लोगों को उनके घर तक पहुंचाना संभव हो सके। इसके साथ ही ऐसे कई मरीज हैं जिनके परिवार में कोई भी व्यक्ति अब जीवित नहीं है। ऐसे ठीक हो चुके मरीजों के लिए दो पुनर्वास ग्रह बनाने का भी प्लान तैयार किया गया है।

ठीक हो चुके रोगियों के लिए दो पुनर्वास ग्रहों का किया जाएगा संचालन

आपको बता दें कि ग्वालियर के मानसिक आरोग्यशाला में दो वर्षों से अधिक अवधि के ऐसे मानसिक रोगी जो मानसिक रोग से ठीक हो गए हैं। इन्हें हॉस्पिटलाइज्ड की आवश्यकता नहीं है और उनके परिवार ने इन्हें स्वीकार नहीं किया है या परिवार है ही नहीं। इनके लिए ग्वालियर में अब दो पुनर्वास ग्रहों का संचालन किया जाएगा। जिसकी क्षमता 50-50 सीट की होगी इसमें विभिन्न प्रकार की काउंसलिंग, थेरेपी, योगा, मनोरंजन आदि की व्यवस्थाएं रहेंगी। जिससे स्वस्थ हो चुके रोगियों को एक नई जिंदगी जीने का मौका मिल सकेगा। फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से पत्राचार का जो कदम उठाया गया है, उसके बाद यह माना जा सकता है कि आने वाले दिनों में बहुत से मानसिक रोगी जो अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं, वह जल्द ही अपने परिवार के बीच हंसी-खुशी से रह सकेंगे।