Mar 27, 2019
अशफाक अंसारी- भारत ओमान रिफाइनरी के निवेदन पर 2009 में तत्कालीन कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने रिफायनरी के 5 किलोमीटर के दायरे में नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित किया था जिसके विरोध में मंडी अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह एवं गजराज सिंह दांगी के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए भारत ओमान रिफायनरी प्रबंधन, जिला कलेक्टर सागर, एसडीएम बीना एवं तहसीलदार से चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है कि किस आधार पर 5 किलोमीटर का नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित किया है।
पांच किलोमीटर नो डेवलपमेंट जोन घोषित करने का मामला
दरअसल में भारत ओमान रिफाइनरी के 5 किलोमीटर के दायरे को नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित किया है। जिसका आदेश 2009 में तत्कालीन कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने दिया था। जबकि भारत ओमान रिफायनरी ने रिफाइनरी से लगे विदिशा जिले के 8 गांव में नो डेवलपमेंट लागू करने की परमिशन मांगी थी। जिस पर विदिशा कलेक्टर ने 25 मई 2009 को यह स्पष्ट कर दिया था कि इस प्रकार की कार्रवाई सिर्फ राज्य सरकार ही कर सकती है। फिर सागर कलेक्टर ने 5 किलोमीटर का नो डेवलपमेंट क्षेत्र कैसे घोषित कर दिया। यह एक बड़ा सवाल है।
रिफायनरी से लगे 52 गांव के लोग नो डेवलपमेंट से थे परेशान
रिफायनरी के नो डेवलपमेंट के चलते आसपास के 52 गांव के लोग किसी भी तरह का निर्माण कार्य रिफाइनरी प्रबंधन की बिना अनुमति के नहीं कर सकता। लोगों की परेशानी को देखते हुए मंडी अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह ठाकुर एवं गजराज सिंह दांगी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट में सुनवाई करने के बाद भारत ओमान रिफायनरी प्रबंधन, जिला कलेक्टर सागर, एसडीएम बीना एवं तहसीलदार बीना से चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है कि किस आधार पर रिफाइनरी के 5 किलोमीटर के दायरे में नो डेवलपमेंट क्षेत्र घोषित किया है।