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स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार के बाद अब प्रधानमंत्री आवास योजना में लगी भ्रष्टाचार की दीमक

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Jan 19, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव - आपको बता दें चित्रकूट  नगर परिषद के इंजीनियर और अधिकारियों के खर्चे ज्यादातर कमीशन खोरी से चलते हैं इसका जीता जागता उदाहरण चित्रकूट नगर परिषद में  स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय हैं जहां हितग्राहियों के नाम से करोड़ों रुपए शौचालय की राशि निकालकर अधिकारी हजम कर गए जिसकी जांच अभी भी चल रही है अब हालात यह है कि जो हितग्राही ₹ 20 हजार कमीशन नहीं दे रहे उन्हें पीएम आवास की राशि नसीब नहीं हो रही वहीं अधिकारियों द्वारा अब 6 माह बाद जमीनों के कागजात पूरे ना होने के बहाने किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना का बुरा हाल

ज्ञात हो कि चित्रकूट में प्रधानमंत्री आवास योजना का बुरा हाल है बरसात के पहले ही नगर परिषद के अधिकारियों ने हितग्राहियों के कच्चे मकान गिरवा दिए थे किंतु पीएम आवास की धनराशि न मिलने से हितग्राही पन्नी लगा कर रह रहे हैं तो वहीं बहुत से हितग्राहियों का सामान  खुले में ही पड़ा रहता है !  अब तक में वह हितग्राही सैकड़ों बार नगर परिषद और सीएमओ के चक्कर लगा चुके हैं किंतु उन्हें आवास की किस्त नसीब नहीं हो रही,  जिससे आम जनता में आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है।

बिना दस्तावेज लिए आवास स्वीकृत

हालात यह हैं कि हितग्राहियों और जनता ने नगर परिषद के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि हितग्राहियों की धनराशि शीघ्र उपलब्ध नहीं कराई गई तो व्यापक जन आंदोलन होगा। पीएम आवास की किश्त में घपला कर रहे नगर परिषद के अधिकरी बहानेबाजी कर रहे है  6 माह  बाद सीएमओ द्वारा यह कहना कि हितग्राहियों के अभिलेख पूरे नही है अपने आप में आश्चर्य की बात है यदि ऐसा है तो सवाल ये भी है कि बिना दस्तावेज लिए हितग्राहियों को आवास कैसे स्वीकृत कर दिए गए?