Jul 15, 2019
कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री तरुण भनोट ने राज्य का बजट पेश करते हुए जब इस बात का ऐलान किया कि राज्य सरकार अब राज्य की मशहूर चीजों की इंटरनेशनल ब्रांडिंग करेगी तो इस बात की चारों ओर चर्चा होगी। इस योजना के तहत सरकार मध्यप्रदेश की विख्यात रतलामी सेव, मालवा के लड्डू-चूरमा, दाल बाफले, बुंदेलखंड की मावा जलेबी, मुरैना की गजक, भोपाल के बटुए, चंदेरी और महेश्वरी साड़ी की ब्रांडिंग करेगी। किन्तु अब यही ऐलान सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। प्रदेश के तमाम इलाकों से अनदेखी की आवाज उठ रही है। यही कारण है कि चुनावों के दौरान भारी डिमांड में रहने वाला कड़कनाथ मुर्गा एक बार फिर सियासी बहस का हिस्सा बन चुका है।
सांसद गुमान सिंह डामोर ने कमलनाथ पर आदिवासियों के साथ उपेक्षा का लगाया आरोप
उल्लेखनीय है कि राज्य में लोग खाने के बेहद शौकीन हैं और यहां अलग-अलग शहरों के अलग-अलग व्यंजन मशहूर हैं। यही नहीं तमाम शहरों की पहचान भी उन व्यंजनों के आधार पर ही होती है। यही कारण है कि जब राज्य की कमलनाथ सरकार ने कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों और वस्तुओं की ब्रांडिंग करने की घोषणा की तो जिन लोगों के इलाके की मशहूर चीजें सूची में शामिल नहीं थी, अपना विरोध जताना शुरू कर दिया। रतलाम-झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर ने राज्य के सीएम कमलनाथ पर बजट में आदिवासियों के साथ उपेक्षा का आरोप लगाया है। भाजपा सांसद गुमान सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में मशहूर चीजों सेंव, दाल-बाफले की ब्रांडिग की बात कही गई है। आदिवासी क्षेत्र झाबुआ और अलीराजपुर में मिलने वाले दाल-पानिया और कड़कनाथ मुर्गा भी प्रसिद्ध है। ऐसे में कड़कनाथ मुर्गे की भी ब्रांडिंग होना चाहिए।