Jan 9, 2019
अज़हर शेख - एम वाय अस्पताल परिसर रेलवे स्टेशन बस स्टैंड से लेकर राजवाड़ा के फुटपाथ पर ठंड में ठिठुरते लोग सहारे की आस में ठोकरें खा रहे हैं रैनबसेरों में जगह न होने की वजह से लोग खुले में ही रात गुजारने को मजबूर है दरअसल, नगर निगम ने शहर में बाहरी लोगों के आराम और शहरी फुटपाथियों के लिए 12 रैनबसेरा बनाए हैं जो रात 8 से सुबह 8 बजे तक खुले रहते हैं लेकिन इनमें 10 से 12 बिस्तर ही होते हैं इसके साथ ही आधार कार्ड के अभाव में लोग रैनबसेरा की मदद नहीं ले पा रहे हैं और वे खुले में सोने को मजबूर हैं।
आग के सहारे रात गुजारने को मजबूर लोग
इंदौर में रात के तापमान में दिनों दिन गिरावट आने से ठंड भी धीरे धीरे अपना रूप दिखाने लगी है ठंड का मुकाबला करने सैकड़ों लोग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एमजी रोड, राजवाड़ा, मंदिरों, धर्मशाला और ऐतिहासिक भवनों में रात गुजारने पर मजबूर हैं इसके उलट, निगम का अमला सुस्त पड़ा है रात में बाहर फुटपाथ पर लोग सोने को मजबूर हैं क्योंकि रैन बसेरों में जगह ही नहीं हैं इंदौर के सरवटे बस स्टैंड का नजारा यहां से करीब तीन हजार बसों का संचालन होता है लेकिन यहां यात्रियों के लिए छत की व्यवस्था तक नहीं है बस स्टैंड की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से मई में इसे तोड़ दिया गया था लेकिन पिछले सात महिने से नगर निगम यात्रियों के कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाई शैड न होने की वजह से लोग आग के सहारे रात गुजारने को मजबूर हैं।
यात्रियों की सुध लेने वाला कोई नहीं
एम वाय अस्पताल में भी कई मरीज अपना इलाज कराने के लिए बाहर से आते हैं के साथ उनके परिजन भी होते हैं कई लोग तो इलाज के लिए बाहर ही इंतजार करते रहते हैं जिन्हें रात गुजारने के लिए एम वाय अस्पताल परिसर के बाहर सोना पड़ता है अस्पताल के पीछे रेन बसेरा तो है मगर बिस्तर और जगह नहीं होने की व वजह से लोगों को फुटपाथ पर ही सोना पड़ रहा है वही बस स्टैंड पर भी यात्रियों का कहना है कि बस स्टैंड के पास कोई रैन बसेरा नहीं है जिससे वो खुले में रात व्यतीत करते हैं यात्रियों की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं।








