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उज्जैनः दरिंदे को सुनाई गई मरते दम तक जेल की सजा, मामला भूखीमाता के समीप ईंट भट्टे से मासूम का अपहरण कर दुष्कर्म और हत्या का

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Aug 31, 2019

अनिल बैरागी- करीब तीन महीने पहले भूखी माता के समीप ईंट भट्ठे से 5 साल की नाबालिग का रात में सोते समय अपहरण कर उसके साथ दरिंदगी कर हत्या कर दी गई और लाश को नदी में फेंक दिया गया था। यह दुष्कर्म करने वाले हैवान को न्याय ने मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई है। शनिवार को विशेष न्यायाधीश एस.सी.एस.टी. (पी.ओ.ए.) एक्ट विजयकुमार पांडेय ने आरोपी शिवा को भादवि की धारा 449 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 363 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 366, 201 में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 302 में आजीवन कारावास, धारा 376 एबी में मृत्यु पर्यन्त तक के आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(5) में आजीवन कारावास एवं कुल 1500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

तीन महीने से कम समय में न्यायालय ने सुनाया फैसला

उप-संचालक अभियोजन प्रशासन डॉ. साकेत व्यास के मुताबिक घटना 7 जून की है। भूखी माता के समीप ईंट भट्ठे पर काम करने वाले फरियादी की 05 साल की नाबालिग बेटी रात को सोते समय गायब हो गई थी। जिस पर महाकाल थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। जांच के दौरान नाबालिग की लाश उसी दिन शिप्रा नदी में मिलने के बाद जब पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि नाबालिग के साथ किसी दरिंदे ने दुष्कर्म कर पत्थर से सिर में चोट मारकर हत्या की है और लाश को नदी में फेंका है। इस पर पुलिस ने ईंट भट्टे पर काम करने वालों से थाने लाकर पूछताछ की तो आरोपी शिवा पकड़ में आया। पुलिस की पूछताछ में जुर्म कबूल करने पर पुलिस ने साक्ष्य बरामद किए और उनकी फोरेंसिक जांच कराई और कोर्ट में चालान पेश किया। करीब ढाई महीने चली सुनवाई के बाद शनिवार को कोर्ट ने इस सनसनीखेज में दोषसिद्ध होने पर आरोपी शिवा को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया था

उल्लेखनीय है कि पुलिस ने इस सनसनीखेज और झकझोर कर रख देने वाले मामले को गंभीरता से लिया था। आईजी राकेश गुप्ता ने मामले में प्रकरण की विवेचना हेतु एसआईटी का गठन किया था और विधिक परामर्श हेतु संयुक संचालक लोक अभियोजन डॉ साकेत व्यास को नियुक्त किया था। वहीं एसपी सचिन अतुलकर के निर्देशन में सीएसपी हंसराज सिंह और टीआई अरविन्द सिंह तोमर ने जांच की थी। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी उपसंचालक अजाक आर.के. चन्देल द्वारा की गई।