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बड़वाहः शासकीय वेयरहाउस में खाद्यान वितरण में ट्रासपोर्टर ने की हेराफेरी

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Sep 9, 2019

भूपेंद्र सेन - खरगोन के बड़वाह में शासकीय विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगाना अब किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के बस में नहीं दिख रहा। जिसके कारण कभी जनपद पंचायत में तो कभी नगर पालिका और अब शासकीय वेयर हाउस में भी खाद्यान वितरण को लेकर एक मामला प्रकाश में आया है। जहां चावला रोड लाइंस खंड़वा के ट्रासपोर्टर शाहबाज द्वारा विगत 4 सितंबर को करीब 11 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान सप्लाई करने के दौरान सरकारी माल की हेराफेरी करने का मामला उजागर हुआ है। आपको बता दें कि 4 सितंबर को बड़वाह के वेयरहाउस से 11 दुकानों पर खाद्यान वितरण करने के लिये ट्रक क्रमांक एम 09 एच जी 7288 में गेहु, चना, नमक और चने भरे गये थे। किंतु यह खाद्यान ट्रांस्पोटर द्वारा 5 सितंबर शाम तक भी कई उचित मूल्य की दुकानों तक नहीं पहुँचाया गया। जब इन गतिविधियों की सूचना मुखबिर द्वारा मीडियाकर्मी को लगी तो इस मामले की बड़वाह वेयरहाउस पर तहकीकात की गई।

जिला अधिकारियों ने खाद्यान वितरण में भ्रष्टाचार की जांच कर किया मामले का खुलासा

जहां वेयरहाउस के मैनेजर मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि यह बात सही है कि कुछ दुकानों पर खाद्यान नहीं पहुंचा है। जिसकी जांच के लिए जिला खाद्य अधिकारियों ने इस मामले में समस्त दस्तावेज अधिकारियों के समक्ष जांच के लिए बुलाये हैं। जब इस खाद्यान वितरण की जानकारी जिला वरिष्ठ अधिकारी से चाही तो उन्होंने जांच करने का हवाला दिया। जिसके बाद जिला खाद्य आपूर्ति के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 6 सितंबर को फूड स्पेक्टर खरगोन वीरेंद्र चौहान को जांच के आदेश दिए गये। जिन्होंने बड़वाह तहसीलदार टी विस्के एवं शैलेंद्र खेडेकर को साथ लेकर 7 सितंबर सुबह 10 बजे ग्राम काटकूट, बलवाडा स्थित सहकारी साख संस्था की जांच पड़ताल करनी शुरू की। इस दौरान अधिकारियों की टीम ने उचित मूल्य की दुकानों में रखा पुराना और वर्तमान खाद्यान स्टॉक चेक किया।

ट्रासपोर्टर ने अधिकारियों को दी जिन दुकानों की प्राप्ति वहां नहीं पहुंचा खाद्यान

जांच के दौरान काटकूट सोसायटी संस्था सेल्समैन ने अधिकारियों को बताया कि मुझे 6 सितंबर रात 10:30 बजे ट्रासपोर्टर द्वारा दूरभाष पर माल उतारने की सूचना दी गई। जिसके बाद मेरे द्वारा गोदाम पर माल उतारा गया, लेकिन माल उतारने की सूचना सेल्समेन द्वारा प्रबंधक को देना उचित नहीं समझा। जबकि सहकारी संस्था में नियमानुसार माल उतारने का समय केवल शाम 6 बजे तक का ही है। बावजूद ट्रासपोर्टर द्वारा अपने बचाव को लेकर नियम विरुद्ध रात 10:30 बजे दुकानों पर माल वितरण किया गया। जबकि लिस्ट अनुसार झिगड़ी की उचित मूल्य की दुकान पर 7 सितंबर तक भी माल नहीं पहुंचा। जो भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए काफी है। जबकि ट्रासपोर्टर द्वारा माल वितरण नहीं होने की दशा में भी वरिष्ठ अधिकारियों को माल प्राप्ति की बिल्टी बाउचर दे दिए गए।

4 सितंबर को वेयरहाउस से भरा खाद्यान नहीं पहुंचा 6 सितंबर की शाम तक कुछ दुकानों पर

इस मामले में फूड स्पेक्टर वीरेंद्र चौहान ने जांच कर संस्था सेल्समेन और प्रबंधकों के बयान लेकर मामले में कई अनियमितता को सही पाया है। इस जांच में कई संस्था के सेल्समेनों ने अधिकारियों को 5 और 6 सितंबर को वाहन क्रमांक एमपी09 एचजी 7288 से माल प्राप्त होने की बात कही। अधिकारियों की जानकारी अनुसार उक्त वाहन 5 सितंबर शाम से 7 सितंबर की रात 9 बजे तक बड़वाह वेयरहाउस पर माल भरकर यथावत खड़ा था। वहीं ट्रासपोर्टर द्वारा अपने वाहन में जीपीआरएस सिस्टम भी नहीं लगाया गया है। अब देखना है कि गरीब जनता को मिलने वाले राशन को ठिकाने लगाने वाले ट्रांसपोर्टर पर वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्यवाही करते है।