Sep 14, 2019
अनिल बैरागी - 72 घंटे से लगातार बारिश का कहर उज्जैन जिले में देखने को मिल रहा है और हो भी क्यों ना। लगातार हो रही बारिश ने मुसीबतों के तमाम रास्ते खोल दिए हैं जिसके चलते प्रशासन आपदा दल के सामने हो गई है कई चुनौतियां खड़ी। दरअसल उज्जैन जिले से बहने वाली शिप्रा नदी अपने रूद्र रूप में दिखाई दे रही है। जिसके चलते महिदपुर की निचली बस्तियों में पानी भर जाने के कारण लगभग एक दर्जन से ज्यादा मकानों को खाली करा लिया गया है। वहीं दूसरी ओर इन नदियों के रोज रूप में ना जाने कितनी जिंदगियां समा गई हैं।
जगह-जगह नदी में बहते हुए शव देते हैं दिखाई
हालात यह बने हुए हैं कि राहत दल आपदा को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर रेस्क्यू करें तो कैसे, क्योंकि पानी के तेज बहाव में ना जाने कितने शव बहते हुए नदियों में दिखाई दे रहे हैं। जगह-जगह नदी में बहते हुए शव दिखाई देते हैं। कहीं अटके हुये तो कहीं बहते हुये शव दिखाई दे रहा है। उज्जैन से उन्हेल के रास्ते गुजरने वाली शिप्रा नदी में ऐसे ही दृष्य नजर आते हैं। महिदपुर शिप्रा किनारे बसे रहवासियों के एक दर्जन से ज्यादा मकान डूब चुके हैं। राहत दल इनको खाली करा रहा है और यह हालत पूरे उज्जैन जिले में ही बने हुआ है। जहां तक निचली बस्तियों की बात करें तो लोग सहमे और डरे हुए हैं कि अब जाएं तो कहां जाएं। अगर हालात यही रही तो महिदपुर और किले के बीच में अगर शिप्रा का जलस्तर बढ़ता है तो तकरीबन एक हजार से ज्यादा लोगों की जान आफत में आ सकती है।