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ग्वालियरः गुना सीट पर कांग्रेस की ओर से सिंधिया का नाम घोषित न होने पर शुरू हुई बयानबाजी

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Apr 10, 2019

विनोद शर्मा- गुना सीट पर कांग्रेस की ओर से सिंधिया का नाम घोषित नहीं होने को लेकर बयानबाजी शुरु हो गई है। सिंधिया के राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले जयभान सिंह पवैया ने तो दावा किया है कि गुना सीट को अपना पट्टा समझने वाले सिंधिया को इस बार हार का डर है।

लोकसभा क्षेत्र में सिंधिया का जादू लगातार कम होता जा रहा

भले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के लिए स्टार प्रचार हैं। विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस की 33 साल पुरानी सफलता दोहराने में सिंधिया का अहम रोल माना जाता है। सिंधिया अंचल ही नहीं प्रदेश में लोकप्रिय हैं, लेकिन अपने लोकसभा क्षेत्र में सिंधिया का जादू लगातार कम होता जा रहा है। वोटों का गणित तो कहता है कि सिंधिया का अपने लोकसभा क्षेत्र में ही जादू उतर रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2009 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा को ढाई लाख वोट से शिकस्त दी थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने बीजेपी के जयभान सिह पवैया को हराया, लेकिन इस बार सिंधिया की जीत का आंकड़ा एक लाख बीस हजार पर आ गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंधिया के लोकसभा के आठ विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को 16,499 वोट कम मिले हैं।

कांग्रेस विधायकों पर सिंधिया को भरोसा नहीं

इन आंकड़ों को आधार बनाकर बीजेपी के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया ने दावा किया है कि सिंधिया का ग्लैमर खत्म हो गया है। पवैया के मुताबिक सिंधिया गुना सीट को अपना पट्टा है लेकिन खुद को उम्मीद्वार घोषित करने से डर रहे हैं। पवैया का दावा है कि गुना में सिंधिया का जनाधार खिसका है। कांग्रेस विधायकों पर सिंधिया को भरोसा नहीं है। गुना में अपनी जमीन खिसकने से सिंधिया को राहुल गांधी की तरह डर सता रहा है।