Aug 10, 2018
संदीप मिश्रा - पहली घटना इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र में स्थित इंडेक्स कॉलेज में पढ़ रही बीडीएस की छात्रा स्मृति ने एनीथिसिया के हाई डोज लेकर आत्महत्या कर ली 11 जून 2018 को स्मृति ने हॉस्टल में सुसाइट किया था सुसाइट करने से पहले एक सुसाइट नोट भी लिखा था जिसमे उसने इंडेक्स कॉलेज प्रबंधक की ज्यादतियों के बारे में जिक्र किया था और मौत का जिम्मेदार कॉलेज प्रबंधक को बताया था फिलाहल पुलिस ने पुरे मामले में कार्रवाई करते हुए कॉलेज प्रबंधक सुरेश भदौरिया और केके खान पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया था फिलाहल दोनों आरोपी अग्रिम जमानत लेकर जेल से बहार घूम रहे है।
आरोपियों को नही किया गया गिफ्तार
वही स्मृति की मौत के मामले में पुलिस आरोपियों को गिफ्तार भी नहीं कर पाई थी कि दो महीने बाद एक बार फिर इंडेक्स कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने फ़ीस सहित अन्य बातों के चलते फांसी लगाकार आत्महत्या कर ली मृतक छात्रा शिवानी उइके ने सुसाइट करने से पहले दो पेज का सुसाइट नोट भी लिखा है।
यह लिखा सुसाइट नोट में
सभी को ठीक देखना चाहती हुं पर क्या करू मुझे समझ नहीं आता सोच रही हुं कि शायद ये करुँगी तो एक का खर्चा तो कम हो जाएगा फिर इतनी दिक्कत न हो शायद सब अच्छा चल पाएगा किसी को परेशनी भी नहीं होगी मुझसे बहुत प्यार करती हुं सबसे और सबको हमेशा खुश देखना चाहती हु हां जानती हु आप सब भी बहुत प्यार करते हो मुझसे और मुझसे और दुखी तो होंगे ये देखकर कुछ दिन बाद सब ठीक हो किसी को किसी चीज के लिए ब्लेम न करे खुश रहना सब वही दूसरे पेज में लिखा है मम बाबू मिस यू द मोस्ट रियली सोरी फिर दिस पर मुझे नहीं लगता कुछ गलत कर रही हुं मुझे बहुत गिल्टी फील होता है आपसे पैसा मांगने में नहीं अच्छा लगता है बिलकुल मै खुद करना चाहती हुं सब कुछ पर कैसे करती लव् यु आल्वेस छप्पी बाबू को यह शब्द थे छात्रा के छात्रा ने अपने पूरे सुसाइट नोट में कई बार पेसो को लेकर बात कही और इससे अनुमान लगाया जा सकता है बढ़ती फ़ीस और अन्य खर्चो के कारण छात्रा परिजनों से ही पैसे मांगने में गिल्टी फील कर रही है फिलाहल पुरे मामले में पुलिस जाँच की बात कर रही है।
इस तरह के दो मामले आ चुके है सामने
इंदौर में इस तरह के दो मामले सामने आने के बाद इंदौर में शिक्षा माफियाओ ने किस तरह की लूट मचा रखी है यह अनुमान लगाया जा सकता है लेकिन शिक्षा माफियाओ की पहुंच के कारण कोई भी जिम्मेदार इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।