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राजस्व रिकॉर्ड में मृत दर्ज व्यक्ति अपने आप को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद फसा

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Jun 24, 2018

छतरपुर जिले का  यह मामला  ऑफिस ऑफिस फिल्म के  मुसद्दीलाल की याद दिलाता है जहां इस फिल्म में  फ़िल्म का नायक  कागजों में मृत हो जाने के कारण  सारी फिल्में  अपने आप को  जिंदा साबित करने की  कवायद करता नजर आता है कुछ ऐसा ही गौरिहार तहसील के बहादुरपुर गांव में हुआ जहां की रामेश्वर पटेल की जमीन हल्का पटवारी ने उसे मृत दिखाकर फर्जी बारिशों के नाम नामांतरन कर दिया है।

रामेश्वर पटेल को कागजों में अपनी मौत का और अपनी जमीन घासीपुर गांव के अन्य लोगों के नाम उसके फर्जी बारिश बंन कर होने की सूचना मिली तो अब रामेश्वर पटेल अपने कागजों और शिकायती आवेदन को लेकर खुद को सरकारी कागजों में जिंदा कराने की कानूनी दांव पेंच में फंसा है रामेश्वर पटेल की माने तो तत्कालीन हल्का पटवारी विष्णु सोनी से उसका विवाद था और इसी विवाद के कारण रंजिशन पहले तो पटवारी ने उसे राजस्व रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया और उसके बाद अन्य गांव के फर्जी वारिस बनाकर उसकी जमीन का वरसाना नामांतरण भी कर डाला।

राजस्व कर्मचारी के इस कारनामे के बाद अब रामेश्वर पटेल बुरी तरीके से परेशान हैं और इस मुसीबत से निपटने के लिए अपने आप को कागजों में जिंदा करने की पुरजोर कोशिश में जुटा है वही जिले के आला अधिकारी कानूनी प्रक्रिया के तहत रिकॉर्ड में उसका नाम संशोधित हो जाने की बात करते हुए दोशी पाए जाने पर संबंधित पटवारी पर कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं।

कागजों में खुद को मरा हुआ देख कर और अपनी जमीन फर्जी बारिशों के नाम देखने के बाद भले ही न्यायालीन प्रक्रिया के बाद रामेश्वर कागजों में जिंदा हो जाए और उसकी जमीन उसे मिल जाए लेकिन इतना तो तय है कि राजस्व कर्मचारी अपने निजी रंजिश के चलते किसी भी हद तक जा सकते हैं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन ऐसे लापरवाह राजस्व कर्मचारी पर क्या कार्यवाही करता है।