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मिशन चौक मर्डर मिस्ट्री का हुआ खुलासा, संपत्ति का मालिकाना हक बना मौत का कारण

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Sep 28, 2018

अमित यादव - कोतवाली के मिशन चौक क्षेत्र स्थित बस स्टॉप में कार्टून व बोरे में बंद मिली महिला की लाश के मामले में आखिरकार पुलिस ने सफलता प्राप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला ने टीम गठित कर ना सिर्फ महिला की शिनाख्त की बल्कि मर्डर मिस्ट्री से भी पर्दा उठा दिया। मामले में पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार लाल, उपपुलिस अधीक्षक मनोज वर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक एम पी प्रजापति, कोतवाली थाना प्रभारी शैलेश मिश्रा ने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की विवेचना की।

इन लोगो को किया गया गिरफ्तार

इस मामले में महिला के कथित ससुर गांधीगंज निवासी संतोष सरावगी, ससुर के साढू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल व साढू भाई के एक सहयोगी अनिल सेंडे को गिरफ्तार किया गया है। वारदात के संबंध में आरोपियों से पूछताछ में मुताबिक महिला समीपस्थ ग्राम टिकरिया की रहने वाली सुमन पटेल थी। जिसने संतोष सरावगी के पुत्र सतीश सरावगी से बंादकपुर में प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद पति बलात्कार के केश में जेल में बंद है। टिकारिया निवासी महिला सुमन पटेल पति सतीश सरावगी के जेल जाने के बाद गांधीगंज में ससुराल के पास किराए में मकान में रहने लगी थी।

महिला द्वारा 24 लाख रूपयें की मांग

ओरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि महिला सुमन पटेल के द्वारा लगातार संपत्ति को लेकर मालिकाना हक के लिए दबाब बनाया जाने लगा था,जिससे वे परेशान हो गए थें। वही समझौते के तोर में महिला के द्वारा 24 लाख रूपयें की मांग की गई थी। सुमन को मौत के घाट उतारने की बनाई योजना, योजना के तहत ससुर संतोष सरावगी ने सुमन पटेल के द्धारा 25 लाख रूपए की मांग करने वाली बात अपने साढ़ू भाई गोंदिया निवासी संपत अग्रवाल को बताई। जिसके बाद साढ़ू भाई संपत अग्रवाल गोंदिया से अपने एक साथी अनिल सेंडे के साथ कटनी आया।

निर्मम तरीके से की हत्या

घटनावाले दिन पड़ोस में कहीं गमी हो गई थी। जिसका बहाना बनाकर संतोष सरावगी ने अपनी पत्नी को गमी वाले घर पर भेज दिया। इसके बाद संतोष सरावगी ने बातचीत करने के लिए सुमन पटेल को घर पर बुलाया। जहां सुमन से समझौते पर बातचीत शुरू हुई लेकिन सुमन 25 लाख रूपए नगद व संपत्ति में हिस्सा देने की मांग पर अड़ी रही। इसी दौरान संतोष सरावगी ने आक्रोशित होकर सुमन पटेल के पेट में जोरदार लात मार दिया। जिससे वह कमरे के अंदर फर्स में गिर गई। जिसके बाद साढ़ू भाई संपत अग्रवाल व उसके साथी अनिल सेंडे ने गला घोंटकर सुमन को मौत के घाट उतार दिया और उसकी लाश को रस्सी से बांध कर, कार्टून में पैक कर कही और ठिकाने लगाने की योजना बनाई।

पुलिस ने इस तरह किया पर्दाफाश

वारदात को अंजाम देने के बाद संतोष सरावगी ने साढ़ू भाई व उसका साथी अनिल सेंडे को बतौर 15 हजार रूपए खर्चे के लिए दिए थे। जिसमें से कुछ रकम पुलिस ने जप्त भी कर ली है। सेंट्रल स्कवाड ने भी की कोतवाली पुलिस की मदद सुमन पटेल की इस मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश करने में वैसे तो कोतवाली पुलिस की भूमिका सराहनीय रही लेकिन इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने में कोतवाली पुलिस की मदद सेंट्रल स्कवाड की टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों व पुलिस टीम को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है।