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दुष्कर्मी के पक्ष में खड़ी पुलिस, गर्भपात भोग कर 8 माह भटकती रही पीड़िता

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Aug 1, 2018

संदीप ठक्कर : प्रदेश भर में दुष्कर्म के मामलों के आंकड़ों को देखते हुए भले ही प्रदेश सरकार इनमे कमी लाने के लिए सख्त रवैया अपनाते हुए दुष्कर्मियों को फांसी तक देने के कानून ले आई लेकिन कानून व्यवस्था के दारोमदार वाला जिम्मेदार पुलिस विभाग शायद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कानून व्यवस्था की भी खिलाफत में जुटा नजर आ रहा हैै।

बता दें खरगोन जिले के भीकनगांव थाना क्षेत्र के एक परिवार की नाबालिग के साथ हुआ, जहाँ  आदिवासी बहुल क्षेत्र की नाबालिग पीड़िता के साथ उसी के गांव के शादीशुदा युवक बबलू उर्फ़ आमिर ने शादी करने का झांसा देकर बहला फुसला कर न केवल उसका शारीरिक शोषण किया बल्कि उसका गर्भपात करवाकर दर दर भटकने को मजबूर कर दिया। 8 माह से भटकती हुई पीड़िता को न्यायालय के आदेश से आस जागी लेकिन पुलिस की कार्यशैली ने फिर न्यायालय के आदेश को भी हवा में उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

न्यायालय के आदेश के परखच्चे उड़ा रही पुलिस
पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बावजूद पीड़िता के बालिग और नाबालिग होने के प्रमाणों का बहाना कर केस दर्ज न कर प्रकरण जाँच में लिया है जबकि पुलिस को पीड़िता की शिकायत पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करना चाहिए था वही बालिग और नाबालिग के प्रमाणों की जाँच के बाद यदि नाबालिग के प्रमाण मिले तो उस एफ आई आर में पास्को एक्ट भी जोड़ना चाहिए। लेकिन पुलिस न्यायालय के आदेश के बावजूद आरोपी को बचाने के प्रयास में जुटी नजर आ रही है। 

पुलिस का रवैया शर्मनाक
इस पूरे मामले में भीकनगांव पुलिस का रवैया शर्मनाक रहा। पीड़िता ने बताया कि जब वह  युवक बबलू उर्फ़ आमिर के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने थाने पहुंची तब वह शारीरिक शोषण के चलते प्रिग्नेंट थी भीकनगांव पुलिस ने उसकी एफ आई आर दर्ज न करते हुए न्यायालय की भूमिका निभाते हुए आरोपी पक्ष और पीड़िता पक्ष का समझौता करा कर मामला रफा दफा करने का प्रयास किया लेकिन आरोपी बबलू उर्फ़ आमिर ने पीड़िता को घर ले जाकर परिजनों के साथ मिलकर उसका एबॉर्शन करा दिया फिर मारपीट कर घर से भगा दिया। पी

शादी का दिया था झांसा
पीड़िता ने बताया कि आरोपी युवक बबलू उर्फ़ आमिर शादीशुदा है बावजूद उसने झूठ बोलकर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और जब शादी करने की बात कही तो मारपीट कर घर से भगा दिया था पीड़िता की माँ ने बताया कि पीड़ित बेटी और परिजनों के साथ थाने पर थाने पर जब शिकायत दर्ज कराने आये तो एफ आई आर दर्ज नहीं की गई। जब हम खरगोन पुलिस अधीक्षक के पास गए तो उन्होंने सम्बन्धित थाने को ही जाँच करने की बात कही लेकिन महीनो बीतने तक भी एफ आई आर दर्ज नहीं हुई मजबूरन हमने कोर्ट में जाकर गुहार लगाई।

वकील का क्या है कहना
इस मामले में भीकनगांव न्यायलय के वकील पवन चौबे का कहना है कि इस पुरे मामले में पुलिस की कार्यशैली चौकाने वाली रही शायद जिले में हो रहे दुष्कर्म के मामलो से आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज न हो ऐसे प्रयास पुलिस के है जो मामले दर्ज न कर न्यायालय की भूमिका निभा कर थाने पर ही दबाव देकर समझोते करने में लगी हुई है। शर्मनाक है कि एक पीड़िता की शिकायत पर पुलिस पीड़िता के बजाय आरोपी की पक्षधर बन उसके पक्ष में खड़ी है पीड़िता नाबालिग है लेकिन पुलिस उसे बालिग या नाबालिग होने के प्रमाणों के बहाने कर एफ आई आर दर्ज करने के बजाय अब भी जाँच में जुट गई जबकि पीड़िता 8 माह से न्याय के लिए भटक रही है। 

पीड़िता को खटखटाना पड़ा न्यायालय का दरवाजा 
थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक तक के चक्कर काट भटकती पीड़िता को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा और खुद न्यायालय ने पीड़िता की गुहार पर सुनवाई कर सम्बंधित थाने को आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के आदेश जारी किये है इस मामले से साफ नजर आता है खरगोन जिले में  पुलिस महकमा पीड़ितों के बजाय आरोपियों के पक्ष में खड़ा है इस मामले में एसडीओपी श्री राणावत से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है जांच में पाया जाता है कि पीड़िता की थाने पर नही सुनी गई तो दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।