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गौसेवा का जज्बा लिए श्री जागीरदार सेवा समिति के युवा कर रहे डेढ़ वर्षों से गोवंश की सेवा

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Jan 10, 2019

त्रीलोक राठौर - गौसेवा का जज्बा लिए श्री जागीरदार सेवा समिति के युवा करीब डेढ़ वर्षों से गोवंश की सेवा में जुटे है दुर्घटना में घायल व बीमारियों से पीड़ित लावरिस गोवंश को बचाकर उन्हें नई जिंदगी देने का कार्य कर रहे युवाओ की इस पहल की सभी दूर सरहाना की जा रही है, वही इनकी इस पहल से अब तक कई गोवंशों एक नई जिंदगियां मिंल चुकी है। खास बात तो यह है की लावरिस अवस्था मे मृत पाई गई गोवंश का अंतिम संस्कार भी स-सम्मान के साथ किया जाता है।

चाहे दिन हो या रात हर वक्त तत्पर

हम बात कर रहे है धार जिले के धरमपुरी की जहां श्री जागीरदार सेवा समिति के सदस्य निस्वार्थ भाव से गोवंश की सेवा के लिए हर वक्त तत्पर रहते है चाहे दिन हो या रात घायल व बीमारियों से पीड़ित गोवंश की सूचना मोबाईल पर मिलते ही युवाओ की यह टीम वहां तत्काल मौके पर पहुंच जाती है और डाक्टरो की मदद से गोवंश का ईलाज कराने के बाद सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है। आपको बता दे कि गोवंश के इलाज व चारा-पानी तक का पूरा खर्च यह टीम अपने स्तर से ही करती है।

अंतिम संस्कार की भी व्यवस्था

14 माह पहले इस कार्य की शुरुवात युवाओं ने की थी टीम के राहुल कुशराम ने बताया कि श्री जागीरदार सेवा समिति द्वारा अब तक 60 से अधिक गोवंश को इलाज देकर स्वस्थ किया है लावरिस अवस्था मे मृत पाई गई गोवंश का अंतिम संस्कार भी स-सम्मान और विधि विधान के साथ गड्डा खोदकर किया जाता है। अंतिम संस्कार के लिए टीम का आपसी सहयोग और जन सहयोग से धनराशि एकत्रित की जाती है।

60 से अधिक गायों का इलाज किया गया

समिति के सदस्यों ने बताया कि हम गाय को गौमाता कहते है और गोमाता में 36 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है इसलिए उनके मन में गौमाताओं का सम्मान से अंतिम संस्कार करने का विचार आया जिसके लिये समिति का गठन किया गया जिसके माध्यम से 14 महीनों ने 117 गौमाताओं का अंतिम संस्कार किया है वही 60 से अधिक गायों का इलाज करवाकर उन्हें उन्हें एक नया जीवनदान दिया है।