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डिंडोरीः तीरंदाजी से लेकर ट्रैक्टर तक का सफर में आदिवासी युवती मन्ती बाई बनी मिशाल

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Oct 18, 2019

शिवराम बर्मन - जिले के आदिवासी युवती मन्ती बाई एक मिशाल बन कर उभरी हैं। अपनी जिद, जुनून और संकल्प से अपने सपनों को साकार किया है। तीरंदाजी से लेकर ट्रैक्टर तक का सफर तय किया है और अब वे अन्य युवतियों को भी सिखाएगी अपना गुण।

डिण्डोरी जिले के समनापुर विकाशखण्ड के ग्राम चपवार की आदिवासी युवती मंती बाई का हौसला देखते ही बनता है। मंती बाई एक गरीब परिवार से है। जिनका घर का भरण पोषण खेती के जरिये होता है। मंती बाई बचपन से होनहार रही। घर के सारे काम करने के बाद जो समय बचता, उसमें अन्य काम करती है। मंती बाई ने तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर खेल कर डिण्डोरी जिले का नाम रोशन किया है। मंती बाई मोटरसाइकिल से लेकर ट्रैक्टर तक चला लेती है।

गाँव की युवतियों को स्वालम्बी बनाना चाहती है मन्ती बाई

श्रम व लघु उद्योग के प्रमुख सचिव अशोक शाह ने मंती बाई के जज्बे को जाना और उसके लिये ट्रैक्टर बैंक से दिलवाया। जिले के कलेक्टर बी. कर्तीयकेयन व पंजाब बैंक के मैनेजर ने मंती बाई को नए ट्रैक्टर की चाबी सौंपी। मंती बाई का कहना है कि जो ट्रैक्टर उसे मिला है, उससे अपने खुद के खेत के साथ-साथ दूसरों के खेतों में भी ट्रैक्टर से काम करेगी। साथ ही पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यो में लगा कर उससे जो आमदनी होगी, उससे वो बैंक की क़िस्त के साथ ही घर का भरण पोषण करेगी। मंती बाई ने बताया कि गाँव की युवतियों को स्वालम्बी बनाने के लिए निशुल्क ट्रैक्टर चलना सिखाएगी, जिससे गरीब परिवार की युवतियां अपने पैरों पर खड़े हो सकें। मन्ती बाई मोटरसाइकिल भी फर्राटे के साथ चलाती है। डिण्डोरी जिला आदिवासी जिला है, जहां की होनहार युवतियां किसी युवक से कम नहीं है। मन्ती बाई ने यह साबित कर बता दिया है कि जिद, जुनून और संकल्प के साथ काम करने से एक न एक दिन मंजिल मिल ही जाती है।