Mar 19, 2019
वरूण शर्मा- अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलन्द हैं कि प्रशासन भी इनके सामने बौना साबित हो रहा है। जिसके चलते बीते 6 वर्षो से केवल दो कमरों में कॉलेज चल रहा है। बच्चे ऐसी हालत में पढ़ने को मजबूर है। कहने को तो सत्ता बदल गई, लेकिन व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं दिख रहा। 6 वर्ष से बच्चे दो कमरों के महाविद्यालय में पढ़ने को मजबूर हैं। कालेज निर्माण के लिये मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 6.15 करोड़ राशि 23 मार्च 2017 को स्वीकृति की गई थी। लेकिन अभी तक निर्माण स्थल से राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण न हटाने की वजह से यहां के लिए स्वीकृत राशि नवीन आदर्श महाविद्यालय डिंडौरी के लिये भेज दी गई।
कालेज न बनने की स्थिति में छात्राएं करेंगी मतदान का बहिष्कार
कालेज में पढ़ने वाले बच्चों को खासकर छात्राओं को बड़ी उम्मीद थी। मगर अब कालेज की छात्राओं ने मोर्चा खेल दिया है कि अगर कालेज नहीं बनेगा तो इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जायेगा। इस कालेज में सिर्फ दो कमरे हैं, जिससे छात्राओं को पढ़ने में ज्यादा दिक्कतें होती है। मगर अतिक्रमणकारियों ने शासकीय कालेज की ज़मीन पर कब्जा कर रखा है। कालेज की छात्राओं द्वारा प्रशासन को कई बार मामले की जांच करने के लिए कहा गया था, मगर दबंग रसाखदारों के चलते यह कालेज को प्रशासन ने अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया। अब कालेज की छात्राओं ने कहा कि अगर कालेज भवन पूरा नहीं बना तो वो लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेगीं। इस पूरे मामले की जानकारी प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को दी गई। कलेकटर सतेन्द्र मिश्रा ने इस पूरे मामले को गम्भीरता से लिया और कालेज की अतिक्रमण की ज़मीन को मुक्त कराने को कहा।