Loading...
अभी-अभी:

नरसिंहगढ़ः लोकनिर्माण विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली उजागर, कंतोडा रोड की दो पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बन्द

image

Aug 29, 2019

सुरेश नागर - लोक निर्माण विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते हुए कंतोड़ा बाईपास मार्ग जो तीन किलोमीटर पूर्ण रुप से छतिग्रस्त हो चुका है। दो माह पूर्व जब पुलिया छतिग्रस्त हुई तब विभाग को पुलिया के छतिग्रस्त होने की सूचना मिली तो विभाग के जवाबदारों द्वारा मात्र सावधान का बोर्ड लगाकर अपने कर्त्तव्य कि इत्रश्री कर ली गयीं। सुबह जब नागरिकों द्वारा पुलिया छतिग्रस्त देखी तो तुरंत मीडिया को अवगत कराया। जहां मीडिया कर्मियों ने मामले को संज्ञान में लेते हुए समस्त अधिकारियों को अवगत कराया। तहसीलदार राजन शर्मा ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मार्ग के दोनों और वेरीकैट लगा कर आवागमन को बंद कर दिया गया था।

जान जोखिम में डालकर छतिग्रस्त पुलिया के ऊपर से वाहन निकाल रहे हैं।

दो माह पूर्व विभाग ने सावधान का बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्य से पल्ला झाड़ा

बेरीकैट लगाने के बाद भी बस संचालक वेरीकैट को हटाकर यात्रियों की जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त पुलिया के ऊपर से वाहन निकाल रहे हैं। कंतोडा रोड इतना जोखिम भरा है कि गड्ढे में गड्ढा और तो और दूर-दूर तक सड़क का कहीं भी पता नहीं चलता। वहीं सूचना बोर्ड लगा होने के बाद भी बुधवार की सुबह ट्रक जो कि रेत से लबालब भरा हुआ था, याने कि ओवरलोड होने के पश्चात भी पुलिया से निकालने के चक्कर में पुलिया के पास फंस गया। जिससे आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो गया। लोक निर्माण विभाग के एसडीओ राजाराम अहिरवार को सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर लिया और जब मामले की जानकारी  जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजय वेन को दी गई तो कहा कि मैं अभी आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में हूं।

विभागीय अधिकारी कितने जवाबदार

विभागीय अधिकारी कि कार्यप्रणाली से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने कर्तव्य का कितनी जवाबदारी के साथ पालन कर रहे हैं। ऐसे लापरवाह अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। कंतोडॉ मार्ग निर्माण के लिए विभाग द्वारा 30 मई को विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है, जिसमें 21 लाख 45 हजार रुपए की लागत से कंतोड़ा मार्ग का निर्माण किया जाना सुनिश्चित है। परंतु विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही कार्यप्रणाली के चलते हुए क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत भी नहीं की जा रही है। यहां तक कि उसके गड्ढों को भी नहीं भरा जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप मार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो जाने के पश्चात भी विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त मार्गों के रखरखाव व मेंटेनेंस के नाम पर कागजी पाना खानापूर्ति कर, अपने चहेते ठेकेदार के नाम पर लाखों रुपए के फर्जी बिल वाउचर लगा कर, राशि का आहरण किया जाता रहा है, जो कि जांच का विषय है।