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“स्कूल चलो अभियान” की उड़ी धज्जियां, हाथों में फावड़ा और तगाड़ी लेकर मजदूरी करने पर मजबूर नाबालिग

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Dec 29, 2018

मधुर राय - 15 वर्षो से मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार स्कूल चलो अभियान के तहत स्कूली शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च अनेको योजना चला रही थी लेकिन शिक्षा के हालात जस के तस बने हुए थे और गरीब बच्चे पढ़ाई छोड़कर मेहनत मजदूरी करने के लिए अपने घर से पलायन कर दूसरी जगह मेहनत मजदूरी कर रहे है जिनके हाथो में किताबे और कलम होनी थी उनके हाथो में फावड़ा और तगाडी देखी जा रही है मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा से नाबालिग बच्चे रायसेन की देवरी में में मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे है।

बाल मजदूरी की समस्या से आप अच्छी तरह वाकिफ होंगे। कि बच्चे बाल मजदूरी के इस दल-दल में किस तरह धसते चले जाते है जी हा हम बात कर रहे है रायसेन जिले कि देवरी की जहाँ सड़क निर्माण में मजदूरी के लिए मुख्यमंत्री के जिले से आए सेकड़ो मजदूर जिनमें दर्ज़नो नाबालिक मजदूर भी मजदूरी करते है अभी तक तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अमेरिका से अच्छी सड़को का हवाला दिया था वही वर्तमान मुख्यमंत्री कहते है कि विकास देखना है तो छिंदवाड़ा में आकर देखो लेकिन आज रायसेन जिले में सैकड़ों मजदूर जिन्हें मुख्यमंत्री के गृह जिले में मजदूरी नही मिलती जो आज रायसेन जिले में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है जहाँ नाबालिग लड़किया भी मजदूरी करने छिंदवाड़ा जिले के तामिया से आती है।

बालमजदूरी की घटना को लेकर नायाब तहसीलदार देवरी ने जांच कर कार्यवाही करने का भरोसा दिया और कहा कि उक्त ठेकेदार पर उचित करवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग की सरकारी योजना से गरीब लोग लाभ नही ले पा रहे कारण है कि सभी सुविधाएं अंतिम छोर के व्यक्ति तक नहीं पहुंच पा रही  हैं और बाल मजदूरी रोकने के लिए बनाए गए लेवर बिभाग का कहीं जिले भर में पता नही चलता।