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कुक्षी के कोन्दा में अनोखी शादी, बैलगाड़ी पर निकाली गई बारात

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Apr 22, 2018

आज के इस आधुनिक युग में शादी के मौके पर हर कोई अपना रुतबा दिखाने के लिए कई तरह की आकर्षक चीजों को लगवाकर शादी में लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करते हैं कहीं पर दूल्हे की बारात हेलीकॉप्टर में तो कहीं पर महंगी गाड़ी BMW कार में बारात ले जाते हैं तो विदेशों में समुद्रों के बीचोबीच तो कभी खुले आसमान में शादी कर अपनी शादी को यादगार बनाते हैं।

बैलगाड़ी पर निकाली गई बारात
लेकिन हम आज आपको धार जिले में हुई एक ऐसी शादी में लेकर चलते हैं जहां पर दूल्हे की बारात किसी महंगी गाड़ी या हेलीकाप्टर में नहीं गई, बल्कि पुरानी परंपरा के अनुसार बैलगाड़ी मैं बारात निकाली, बता दें बारात मयूर भायल की है इस बारात में 10 बैलगाड़ियों को भगवा कपड़े और अन्य सामग्रियों से सजाया गया है, वहीं संगीत शिक्षक मयूर भायल इन सुसज्जित बैलगाड़ी से अपनी बारात ग्राम कुंडा से लेकर अपनी जीवन संगिनी के घर ग्राम दोगांव ले जा रहे है, इस दिल गाड़ी से निकली बारात में दूल्हे मयूर भायल के रिश्तेदार DJ की धुन पर मस्ती में नाच रहे हैं सभी को इस बात की खुशी है कि यह बारात बैलगाड़ी से निकाली जा रही है वही बैलगाड़ी पर निकली बारात को देखने वाले हर कोई आश्चर्यचकित हो गया है कि आज के इस युग में भी कोई अपनी बारात बैलगाड़ी पर निकाल रहा है।

दूल्हे के पिता का क्या है कहना
दूल्हे के पिता जगदीश पायल का मानना है कि जिस तरह से आज के इस चकाचौंध की दुनिया में लोक फिजूलखर्ची कार चकाचौंध भरी बारात लेकर जाते हैं लाखों करोड़ों रुपए खर्च करते हैं इस फिजूलखर्ची से बचने के लिए उन्होंने अपने बेटे मयूर की बारात बैलगाड़ी पर निकाली है, बैलगाड़ी से बारात ले जाने के दौरान बारातियों ने भी पूरा आनंद उठाया। 

बैलगााडी से बारात निकालकर पर्यावरण स्वच्छता का दिया संदेश
बारात निकालने से पुरानी संस्कृति को जीवित रखने की एक पहल की गई है गौ संरक्षण का संदेश भी देने की कोशिश की है, मोहित धुले मयूर भाई का बैलगाड़ियों से बारात निकालने के पीछे प्रमुख उद्देश्य यह था कि जिस तरीके से गाड़ियों से बारात निकली जाती है उससे पर्यावरण को नुकसान होता है फिजूलखर्ची होती है इन सबसे बचने के लिए बैलगाड़ी से बारात निकाली गई है वहीं बैलगाड़ी से बारात निकालने की पुरानी परंपरा को बचाया जा सकता है गौ माता और गौ माता के वंशजों को सम्मान दिया जा सकता है उनकी सुरक्षा का संदेश दिया जा सकता है इसीलिए मयूर ने अपनी बारात सुसज्जित बैलगाड़ियों से निकाली और जनता को पुरानी परंपरा को जीवित रखने और फिजूलखर्ची को बंद करने का संदेश दिया है