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ग्वालियरः वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेले पर छिड़ी सियासत

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Jun 15, 2019

विनोद शर्मा- ग्वालियर में लगने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह मेला पिछले 19 साल से वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान स्मारक समिति आयोजित कर रही है। जिस के संस्थापक अध्यक्ष बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया है। इस बार भी मेला यही समिति लगा रही है, लेकिन इसकी चर्चा तब शुरू हो गई, जब प्रदेश सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर निरीक्षण करने पहुंचे।

मेले का आयोजन पिछले 19 साल से मेला आयोजन समिति करती आ रही

ग्वालियर में 17 और 18 जून को लगने वाला रानी लक्ष्मी बाई बलिदान मेला राजनैतिक चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जब रानी लक्ष्मीबाई बलिदान स्मारक स्थल पहुंचे तो पूरे शहर ही नहीं, बल्कि अंचल में इसकी चर्चा  होने लगी। उन्होंने तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को समाधि स्थल पर रंगाई पुताई और डेकोरेशन करने के लिए कहा। बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया मेला आयोजन समिति के संस्थापक अध्यक्ष हैं और उनका यह दावा है कि मेले का आयोजन पिछले 19 साल से उनकी संस्था करती है। इस बार भी मेला उसी स्वरूप में लगेगा। जबकि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर इस तरह के आयोजन कांग्रेस की सरकार में होते रहे हैं। कोई व्यक्ति इसका श्रेय लेना चाहे तो ठीक नहीं है।

मंत्री प्रद्यम्न सिंह तोमर ने अब सुध ली  

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री प्रद्यम्न सिंह तोमर कहते हैं कि इस मेले में देश के प्रख्यात कवि और महिलाओं को आमंत्रित किया जाता है और उन्हें वीरांगना लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा जाता है। बीजेपी नेता पवैया का कहना है, उनकी समिति अपने अपने क्षेत्र में विशिष्ट काम करने वाली महिलाओं को पहले से सम्मानित कर रही है और 2010 से मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इसमें सहयोग करना शुरू किया। वीर महिलाओं को अपनी ओर से वीरांगना सम्मान देना भी शुरू किया लेकिन अब चर्चा इस बात की है कि जब मेले का आयोजन बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया कर रहे हैं तो फिर क्या उस मंच पर कांग्रेस के मंत्री या संस्कृति विभाग मेले में आमंत्रित अतिथियों का सम्मान करेंगे या नहीं।

पवैया का कहना है ये मेला रानी लक्ष्मी बाई बलिदान दिवस के रूप में लगाया जाता है

मध्यप्रदेश के भाजपा पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का कहना है कि मेला आमजन के लिए बेहद जरूरी है और इसे रानी लक्ष्मी बाई बलिदान दिवस के रूप में लगाया जाता है। यह मेला राजनीति करने का कोई विषय नहीं है। इस मेले में महारानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया जाता है जिसमें उनकी वीरता और ग्वालियर के सिंधिया शासक का इतिहास जुड़ा हुआ है। इसी नाटक के लेकर कई बार कांग्रेस के नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है। बावजूद इसके इस मेले में इस नाटक का मंचन होता रहा है। इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो ऐसे में देखना होगा कि मेला उसी रूप में लगेगा या कुछ बदलाव होगा।