Loading...
अभी-अभी:

जबलपुरः विभिन्न मांगों को लेकर वेटनरी छात्र हड़ताल पर, शासन की अर्थी बनाकर निकाला जुलूस

image

Sep 24, 2019

अरविंद दुबे - अपनी विभिन्न मांगों को लेकर वेटनरी छात्र हड़ताल पर हैं। अपनी मांगो की ओर राज्य शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए छात्रों ने बूट पालिश की शासन की अर्थी बनाकर जुलूस भी निकाला लेकिन सरकार ने जब कोई सुनवाई नही की तब वेटनरी छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। पिछले दस दिनों से जारी इस प्रदेश व्यापी हड़ताल की वजह से वेटनरी कालेज में पढाई पूरी तरह से बंद है और वेटनरी अस्पताल की ओपीडी में पशुओं का ईलाज भी नहीं किया जा रहा है। प्रदेश के वेटनरी छात्रो की मांग है कि राज्य शासन पशु चिकित्सकों के पदों में वृद्धि करे जिससे ज्यादा से ज्यादा पशु चिकित्सक शासकीय नौकरी पा सके और पशु चिकित्सकों की बेरोजगारी दूर हो सके। छात्रों की मांग है कि पिछले दिनों राज्य शासन ने प्रदेश में निजी वेटनरी कालेज खोलने की अनुमति दी है। जिसे तुरंत रोका जाए क्योंकि निजी वेटनरी कालेज खोले जाने से स्नातक पशू चिकित्सकों की संख्या में इजाफा होगा और इससे ज्यादा तादाद में पशु चिकित्सक बेरोजगार होंगे।

छात्रों को दिये जाने वाले मानदेय को बढाये जाने की मांग

छात्रों की मांग है की उन्हें दिया जाने वाला मानदेय भी बढाया जाए, क्योंकि जीएसटी लागू होने से उनकी पुस्तकें भी मंहगी हो गयी है। इन मांगो को लेकर वेटनरी छात्र हड़ताल पर हैं लेकिन पिछले दस दिनों से हड़ताल कर रहे छात्रो से बात करने के लिए जब राज्य शासन का कोई नुमाइंदा सामने नही आया तो छात्र वेटनरी कालेज के कैम्पस से बाहर आये और उन्होंने लोगो के जूते साफ़ किये पालिश की और सरकार का ध्यान आकर्षित करने का भरपूर प्रयास किया इसके बाद भी जब बात नही बनी तो राज्य शासन की अर्थी बनाकर उसे लेकर सड़को पर घूमे और जम कर नारेबाजी की। ईधर कुछ छात्र छात्राएं भूख हड़ताल  पर बैठ गए जिससे अभी तक छै छात्राओं की तबियत बिगड़ चुकी है और उन्हें जिला अस्पताल में ईलाज के लिए दाखिल करना पडा।  

चार करोड़ पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सात हजार पशु चिकित्सकों के पद होने चाहिए

राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसा के आधार पर पांच हजार पशुओं के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए एक पशु चिकित्सक होना चाहिए। साल 2012 की गणना के अनुसार प्रदेश में चार करोड़ पशु हैं, जिनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सात हजार पशु चिकित्सकों के पद होना चाहिए। वेटनरी छात्र इन्हीं सरकारी आंकड़ों को लेकर अपनी हड़ताल कर रहे हैं। जिससे फिलहाल सरकार जवाब देने की स्थिति में नहीं है और छात्रों की हड़ताल जारी है। इधर वेटनरी यूनिवर्सिटी प्रबंधन का मानना है कि छात्रों की मांगे राज्य शासन स्तर की हैं। इसलिए वे इस संबंध में कुछ भी नहीं बोलना चाहते हैं। इधर हड़ताली छात्र भी पीछे नहीं हटना चाहते हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।