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मुआवजा न मिलने को लेकर ग्रामीणों ने जलप्रदर्शन कर किया विरोध

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Sep 5, 2018

अभिषेक शर्मा - पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने बाले ग्राम बूड़दा में विस्थपित लोगो को मुआवजा न मिलने को लेकर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है ग्रामीणों ने आरोप लगाए जहा डेम प्रसाशन द्वारा ग्रामीणों के साथ छलावा कर डेम को पूरा भरने से पहले ही उसके गेटों को खोल दिया जाता है जिससे गॉव में जो पानी भरता है उसका किसी को पता न चल सके ऐसे में आज अपर ककेटो डेम में लिमिट से पहले ही गेट खोलने को लेकर ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।

वहीं डेम प्रसाशन द्वारा 3 थानों से पुलिस को मौके पर बुला लिया लेकिन ग्रामीण डेम के गेटो के नीचे पानी मे उतर गए और मरने तक को तैयार हो गए ऐसे में प्रसाशन ने ग्रामीणों से कई बार झूठा आश्वाशन देकर समझाया लेकिन इस बार लिखित में लेकर ही लोग पानी से बाहर आये।
बच्चो के भविष्य से होता खिलावाड़
ग्राम बूड़दा में जब स्वराजक्सप्रेस की टीम ने जाकर हकीकत देखी बारिश के समय डेम का पानी भर जाता है जिससे गाँव से स्कूल तक जाने बाली सभी रास्तो पर पानी भर जाता हैं जिस कारण बच्चे स्कूल जाने से कतराते है। पिछले 1 माह से बच्चे स्कूल नही गए जिससे उनकी शिक्षा व्यबस्था पर गहरा असर पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाएं हुई चौपट
पोहरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने बाले ग्राम बूड़दा में स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्णता चोपट हो गई है। ऐसे में ग्रामीणों को उपचार हेतु गाव से कोसो दूर जाना पड़ता है। बही बरसात में सबसे ज्यादा महिलाओ को प्रसब के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि गाँव को न तो विस्थापित किया गया और न ही गाव में कोई भी विकास कार्य कराये गए।
गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
ग्राम बूड़दा में आधा दर्जन हेंडपम्प ओर कई कुए मौजूद है लेकिन गाव में डैम का पानी आ जाने से कुछ हेंडपम्प तो डूभ गए बही कुछ से गंदा पानी निकल रहा है। मजबूरन ग्रामीण गंदा पानी पी रहे है। ऐसे मे गाव में लोग नरक का जीवन व्यतीत कर रहे है।
स्वच्छ भारत अभियान की उड़ी धज्जियां
ग्राम बूड़दा में स्वराज एक्सप्रेस की टीम ने जायजा लिया तो पता चला करीब 129 परिवार सोचालय बिहीन है जो बाहर सोचालय जा रहे है। ऐसे में जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ्ता अभियान चलाया जा रहा है बही दूसरी ओर ग्राम बूड़दा में सोच की गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ऐसे में गाव में बीमारी ने भी अपनी जड़े मजबूत कर दी है।
मुख्य रास्ते तबदील हुए दलदल में 
ग्राम बूड़दा में इस समय हालात नारकीय जीवन जैसे बने हुए है। जहाँ ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नही हो पा रही है। जहाँ शिक्षा स्वास्थ्य तो चोपट ही है बही गाव से निकलने  बाले मुख्यमार्ग कीचड़ ओर दलदल में तबदील हो गए है। बही ऐसे विहंगम रास्तो से निकलने में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ये है पूरा मामला 
बर्ष 2008 में अपर ककेटो डेम स्वीकृत हुआ जो 2013 में तैयार हुआ। पिछले 2 बर्षो तक यह डेम नही भरा जिस कारण लोगो को कोई परेशानी नही हुआ लेकिन बर्ष 2016 से यह भरना शूरु हुआ जिसके बाद गाव तक पानी आने लगा जिसके बाद लोगो ने विरोध करना शुरू किया लेकिन अधिकारी हर बार मौखिक आश्वाशन देकर लोगो को गुमराह करते लेकिन इस बार बारिश के दौर शुरू होते ही डेम का रुख बाद गया और ग्रामीणों को काफी परेशानी होने लगी। लोगो का जीवन बदहाल हो गया बही इस बार लोगो ने डेम का स्तर 370 फुट तक पूरा पूरा होने तक गेट नही खोलने को लेकर पानी मे प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगो के विरोध देखते हुए अधिकारियों ने पुलिस बल बुला लिया लेकिन लोग पानी मे खड़े रहे। ऐसे में लोगो ने अपनी मांग शुरू की उन्हें विस्थापित कर मुआवजा दिया जाए जिससे बह इस बदहाल स्थिति से उभर सके।