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महिला-बाल विकास विभाग द्वारा ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' अभियान

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Mar 3, 2020

अशोक नगरः महिला-बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने मध्यप्रदेश के अशोक नगर और कटनी जिले में ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' अभियान में किये गये नवाचारों की सराहना की है। अशोक नगर जिले में स्कूली छात्राओं में स्वास्थ्य संबंधी संकोच को समाप्त करने के लिये नवाचार स्वरूप शुचिता (पवित्रता) अभियान और कटनी जिले में ''स्वागतम नंदिनी'' अभियान चलाया गया। दोनों जिलों में इन नवाचारों से लोगों की सोच में बेटियों के बारे में बदलाव देखने को मिले हैं। मध्यप्रदेश के अशोक नगर और कटनी जिले में महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संचालित नवाचारों को सफलता की कहानी के स्वरूप में देशभर से चयनित 25 कहानियों के संग्रह में शामिल किया गया है। केन्द्रीय महिला-बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी इस कहानी संग्रह का 5 मार्च को नई दिल्ली में विमोचन करेंगी। विमोचन समारोह में सफलता की इन कहानियों पर आधारित डाक्यूमेन्ट्री फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा और पैनल डिस्कशन भी होंगे।

शुचिता (पवित्रता) अभियान

अशोक नगर जिले में कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा ने स्कूली छात्राओं में स्वास्थ्य संबंधी संकोच को समाप्त करने के लिए शुचिता (पवित्रता) अभियान चलाया है। इस अभियान में छात्राओं को 5- एस (स्वास्थ्य, स्व-रक्षा, स्वच्छता, स्वाभिमान और स्वावलंबन) के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया है। अभियान का मूल उद्देश्य स्कूली छात्राओं को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति सजग बनाना और माहवारी प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी देना और अच्छी गुणवत्ता वाले सेनेटरी नेपकिन की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। अभियान में जिले के कन्या विद्यालयों और शिक्षा विभाग, आदिम-जाति कल्याण और पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों तथा आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लगभग 8 हजार बालिकाओं को शामिल किया गया है। अभियान में छात्राओं को स्व-सहायता समूह के माध्यम से मात्र एक रूपये की दर पर सेनेटरी नेपकिन के पैकेट उपलब्ध कराये जा रहे है। बालिका विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम, स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं।

स्वागतम नंदिनी अभियान

कटनी जिले में कलेक्टर शशि भूषण सिंह ने बेटी ''बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' अभियान में अभिनव पहल करते हुए 'स्वागतम नंदिनी' कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसमें बच्चियों के जन्म पर माता-पिता और बच्ची को सम्मानित जा रहा है। अब जिला प्रशासन और समुदाय के बड़े बुर्जुगों द्वारा किसी भी परिवार में बच्ची के जन्म पर उत्सव मनाया जाता हैं। साथ ही नवजात बच्ची के माता-पिता को बेबी किट और लाडली लक्ष्मी योजना का प्रमाण-पत्र भी दिया जाता है।