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इंदौरः आज है विश्व डायबिटीज दिवस, बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास  

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Nov 14, 2019

हर साल के 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस के तौर पर मनाया जाता है, जिसका थीम ‘डीयबिटीज और परिवार’ होता है। यह एक वैश्विक कार्यक्रम है, जो डायबिटीज के बारे में जागरुकता के लिए 170 देशों के करोड़ों लोगों को साथ लाता है। दुनिया में लगभग 429 मिलियन लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं।  मधुमेह कोई जानलेवा रोग नहीं है। इसके बावजूद इसका इतना अधिक आतंक इस लिए है क्योंकि यह अपने साथ ऐसे बहुत से रोगों को लेकर आता है जो जीना मुहाल कर दिया करते हैं और कभी-कभी जानलेवा भी साबित होता हैं। मधुमेह का सबसे अधिक असर गुर्दे एवं आंखों पर पड़ता है। विशेष रूप से दृष्टि से संबंधित रोगों से ग्रस्त लोगों को अगर मधुमेह हो जाए तो फिर खतरा बहुत बढ़ जाता है।  

डायबिटिक रैटिनोपैथी करता है आंखों पर हमला

इंदौर स्थित सेंटर फॉर साइट की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतीप व्यास के अनुसार "डायबिटिक रैटीनोपैथी ऐसी ही एक बीमारी है जो इंसान को अंधा भी कर सकती है। डायबिटिक रैटिनोपैथी एक ऐसा रोग है जो अक्सर ही बिना किसी तरह का संकेत दिए, आंखों पर हमला करता है। यह आंखों के रेटिना को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। रक्त वाहिकाओं से रिसाव होने लगता है, रेटिना में सूजन आ जाती है या फिर उनमें ब्रश जैसे निशान पड़ जाते हैं। एक बार अगर डायबिटिक रैटिनोपैथी का हमला हो जाए तो रेटिना को ऑक्सीजन एवं अन्य पोषक तत्व पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। परिणाम यह होता है कि पहले दृष्टि धुंधलाने लगती है और उसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता जाता है कई तरह की समस्याएं सामने आने लगती हैं। देखने में दिक्कत तो होती ही है, ब्लाइंट स्पॉट, फ्लोर भी नजर आने लगते हैं"।

डायबिटिक रैटिनोपैथी का स्थायी इलाज है लेजर सर्जरी

अगर रोग का इलाज न कराया जाए तो अंधापन भी आ सकता है। चूंकि इस रोग के शुरूआती लक्षण समझ में नहीं आते और जब तक मरीज को यह एहसास होता है कि समस्या पैदा हो रही है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसे में यह जरूरी है कि अगर आपको मधुमेह है तो रक्त और पेशाब के अलावा आंखों की भी नियिमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए। ये तीन उपचार हैं- लेजर सर्जरी, आंखों में ट्रायमसिनोलोन का इंजेक्शन तथा विट्रेक्टोमी। ये तीनों ही उपचार सफल साबित हुए हैं लेकिन आज भी दुनिया भर में लेजर सर्जरी ही इस रोग का एकमात्र स्थायी इलाज है।