Nov 16, 2025
भोपाल में SIR फॉर्म के नाम पर बढ़ी साइबर ठगी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
संजय डोंगरदिवे भोपाल : भोपाल में SIR (Special Intensive Revision) फॉर्म के नाम पर साइबर ठगी तेजी से बढ़ रही है। धोखेबाज़ खुद को अधिकारी बताकर नागरिकों से निजी जानकारी और बैंकिंग डेटा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
क्या है SIR अभियान?
SIR प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने के लिए चलाई जाती है। इसमें पात्र मतदाताओं का नाम जोड़ना और अपात्र या दोहराव वाले नाम हटाना शामिल है। इसी प्रक्रिया का नाम लेकर ठग लोग नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
ठगी का नया तरीका
साइबर अपराधी फर्जी कॉल कर SIR फॉर्म वेरिफिकेशन के नाम पर OTP मांगते हैं। कई मामलों में लोगों से SIR.apk नाम की संदिग्ध फाइल इंस्टॉल कराई जाती है, जो मोबाइल में वायरस डालकर कॉन्टैक्ट्स, फोटो, UPI और बैंकिंग डेटा तक पहुंच बना लेती है। सरकारी लोगो और फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर लोग भ्रमित किए जा रहे हैं।
क्या है सुरक्षित, क्या नहीं?
SIR फॉर्म भरते समय अपना मोबाइल नंबर देना सुरक्षित है, लेकिन अनजान कॉल से आने वाले किसी भी निर्देश पर भरोसा न करें। कोई भी सरकारी संस्था फोन, व्हाट्सऐप या APK फाइल के जरिए OTP, बैंक डिटेल या पासवर्ड नहीं मांगती। संदेह होने पर तुरंत संबंधित अधिकारी या पुलिस से संपर्क करें।
नागरिकों से अपील
पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि संदिग्ध कॉल, लिंक या ऐप से दूर रहें और ऐसे मामलों में अपने परिवार व परिचितों को जागरूक करें। सतर्क रहकर ही साइबर ठगी से बचा जा सकता है।







