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स्कूल में अतिरिक्त कक्ष के निर्माण की राशि पर ग्राम पंचायत ने किया भ्रष्टाचार

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Mar 1, 2019

पुष्पेंद्र विश्वकर्मा : सरकार बच्चों की पढ़ाई के लिए करोड़ों रुपए हर वर्ष पानी की तरह बहाती है और फिर उसे गिना कर अपनी पीठ भी खूब थपथपाती है। पीठ थपथपाना जायज है साहब कि हमने इतने रुपए खर्च किए हैं मगर साहब पीठ थपथपाने से पहले गौर से देख लें कि कहीं उस पीठ में कांटे तो नहीं है या बो कार्य जमीन पर दौड़ रहा है या भ्रष्ट जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी उसे मिल बांटकर कुछ और ही कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला
जी हां अब आप सोच रहे हैं कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं तो सुनिए हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि पन्ना जिले की जनपद पंचायत गुनौर अंतर्गत लुहरगांव ग्राम पंचायत में बच्चों की पढ़ाई के लिए विद्यालय में पर्याप्त कक्ष ना होने से बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पा रही थीं।जिस पर विद्यालय परिसर में प्रधानाध्यपक ने शाला विकास की राशि औऱ जनमानस से सहयोग लेकर बच्चों के लिए कक्ष बनवाने की शुरुआत की जिसमें गांव वालों के सहयोग से विद्यालय की  दीवारों का काम भी पूरा हो गया तभी वर्तमान पन्ना कलेक्टर महोदया जेपी आयरन सिंधिया पंचायत का औचक निरीक्षण करने पहुंची जिस पर गांव वालों के साथ प्रधानाध्यापक ने विद्यालय के कक्ष निर्माण के लिए राशि की मांग रखी जिस पर महोदया जी ने गांव वालों को उसका कार्य करवाने का आश्वासन देकर अधूरी बनी बिल्डिंग को पंचायत राज सचिवालय विभाग द्वारा बेक वर्ड रीजन फंड योजना के तहत माध्यमिक शाला में अतिरिक्त कक्ष के लिए 2 लाख 38 हजार की राशि 15/08/2017को स्वीकृति कराकर पंचायत के खाते में जमा कराई गई।

ग्राम पंचायत ने डकारी राशि, बिल्डिंग अभी भी अधूरी 
जिसका उपयोग ग्राम पंचायत ने स्कूल के निर्माण नही किया औऱ राशि का आहरण भी कर लिया। मगर आज दिनांक तक बिल्डिंग अधूरी है बांकी इसका पैसा पंचायत द्वारा आज से 1 वर्ष 4 माह पहले ही निकाल लिया गया है मगर बच्चों को अब तक बिल्डिंग नहीं मिली ओर बिल्डिंग निर्माण अधूरी पड़ी है।  वहीं जब सरपंच से बात की तो उनका कहना है कि हमने इसका मटेरियल ले लिया है मगर कोई मिस्त्री नहीं मिल रहा है मिस्त्री मिलते ही जल्दी इसका काम करवाया जाएगा इस तरीके से सफाई देते रहे जैसे कोई राज खुलने वाला हो।

जनपद सीईओ का क्या है कहना
वहीं मीडिया की टीम ने जनपद सीईओ से इस विषय में जानकारी ली तो उनका कहना है कि यह जो मामला है यह मेरे संज्ञान में नहीं है मैं इसे में प्रतिवेदन बनाकर सब इंजीनियर को भेज कर दिखाती हूं और आगे की कार्यवाही करवाती हूं।