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दमोह में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना उजागर, जानिए पूरी खबर

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Dec 9, 2019

प्रशांत चौरसिया : अक्सर पुलिस थानों में पुलिस वालों को रिपोर्ट दर्ज ना करना पड़े इसके लिए वो कई बहाने बनाते है और ख़ास तौर पर छोटे शहरों और कस्बाई इलाकों में पुलिस वालों के ये बहाने आम है लेकिन एमपी के दमोह में वर्दीवालों के बहाने के बाद जो तस्वीरें सामने आई है वो आपको हिला कर रख देंगी और कहीं ना कहीं हमारे सिस्टम को भी शर्मसार करती है। अब ज़रा देखिये अस्पताल का स्ट्रेचर जिस पर मरीजों को लिटा कर यहाँ से वहां किया जाता है लेकिन यहाँ देखिये स्ट्रेचर सड़क पर घूम रहा है उस पर मरीज भी है और मरीज के परिवार वाले उसे सड़कों पर घुमा रहे है। ये सब ये लोग शौक में नहीं कर रहे बल्कि पुलिस वालों को थाने में ही मरीज चाहिए था। लिहाजा घायल मरीज को लोग स्ट्रेचर पर लिटा कर थाने ले गये। 

मामला दमोह के पथरिया का है जहाँ सोमवार की देर शाम झगडे में गंभीर रूप से घायल एक शख्स इमरत आदिवासी को उसके परिजन पथरिया के सरकारी अस्पताल लेकर आये। इमरत को गंभीर चोटें थी लिहाजा उसके परिजन उसे सीधे अस्पताल ले गए, अस्पताल में इलाज चल रहा था और पीड़ित पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराना चाहते थे और इमरत के परिवार वाले पथरिया पुलिस थाने गए। लेकिन यहाँ पुलिस वालों ने मामले को टालने के लिए उनसे कह दिया की घायल को लेकर आओ तब रिपोर्ट दर्ज होगी। मजबूरन इमरत के परिवार वालों ने उसे अस्पताल के स्ट्रेचर पर लिटाया और फिर उसी स्ट्रेचर को सड़क पर धक्का देते हुए वो पुलिस थाने तक गए और जब थाने में मौजूद अफसरों ने हालत देखी तो फ़ौरन मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए कहा और बेबस आदिवासी फिर स्ट्रेचर को धक्का देते हुए अस्पताल मरीज वापस ले गए। ये सब जिसने भी देखा वो सिस्टम को कोसते नजर आये वहीँ अपने आप में हैरान कर देने वाले इस मामले के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई। इमरत की हालात ठीक नहीं थी लिहाजा इसे जिला अपस्ताल रेफर किया है वहीँ पुलिस अब कह रही है की फरियादी की रिपोर्ट पर मामला कायम किया गया है और जाँच जारी है।