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जिले में 3 हजार से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर, नहीं हो रही कार्यवाही!

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Feb 16, 2018

ग्वालियर। ग्वालियर जिले में पिछले कुछ महीने पहले शुरू हुई झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ  कार्यवाही एक बार फिर थमती हुई नजर आ रही है। जिले में करीब 3 हजार से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर है। जोकि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग का अमला सिर्फ 45 झोलाछाप डाॅक्टरों पर ही कार्यवाही कर सका है। ऐसे में मरीजो की जान से खिलवाड़ करने वाले इन डाक्टरो के होंसले बुलंद है और स्वास्थ्य महकमे की कार्यवाही पर भी लोग सवाल खडा कर रहे है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने नवंबर में प्रदेश के सभी कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखकर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही के लिए निर्देश दिए थे साथ ही निर्देश में यह भी कहा गया था, कि कार्यवाही के दौरान राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी और पुलिस के अनुविभागीय अधिकारियों की मदद भी ली जाए। शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग ने कार्यवाहियां की और करीब 3 दर्जन से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ केस बनाकर उनके क्लीनिक सील कर दिए। जिसके बाद झोलाछाप डॉक्टर कुछ दिनो के लिये शांत हो गये लेकिन कार्यवाही ढीली पडते ही कुछ ही दिन बाद डॉक्टरों ने प्रेक्टिस फिर से शुरू कर दी। सीएमएचओ कार्यालय ने अभी तक सिर्फ आधे मामलों में कोर्ट में चालान पेश किया है जबकि आधे मामले अभी भी सीएमएचओ कार्यालय में जांच के नाम पर पड़े हुए हैं स्वास्थ्य विभाग का कहना है,कि कार्यवाही निरंतर जारी है और इसके लिए पुलिस और राजस्व विभाग की मदद ली जा रही है।

शहर के चिन्हित इलाकों मे की गई इस कार्यवाही पर शहर के रहवासी ही सवाल खडा कर रहे है।
लोगों का मानना है,कि कार्यवाही सिर्फ कुछ क्षेत्रो तक ही की गई है। और जब कोई मामला सुर्खियों में आता है तभी कार्यवाही शुरू होती है। कुछ दिन कार्यवाही चलने के बाद इन पर ब्रेक लग जाता है। ऐसे में गरीबों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले तथाकथित डॉक्टरों के खिलाफ निरंतर कार्यवाही होते रहना चाहिए। जिससे वे किसी भी मरीज की जान के साथ खिलवाड़ ना कर सके।

ग्वालियर जिले में हर गली मोहल्ले व कॉलोनियो मे इस तरह के झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय है।लेकिन स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कुछ ही डॉक्टरो पर कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड रहा है। ऐसे में लोगो की माने तो कार्यवाही सिर्फ उन डॉक्टरो पर की जा रही है। जिनकी उंची पहुंच नही है। ऐसे में शहरभर मे इस तरह के डॉक्टरो की दुकानें अभी भी सजी हुई है और लोगों के स्वास्थ्य से बेधडक खिलवाड जारी है।