Nov 6, 2025
आदिवासियों की अनोखी आस्था: दहकते अंगारों पर नंगे पैर
मनीष जोशी आलीराजपुर: अलीराजपुर जिले के आदिवासी अंचल में सदियों पुरानी परंपरा आज भी जीवंत है, जहां भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर अपनी श्रद्धा और मन्नतों की पूर्ति का प्रमाण देते हैं। यह प्रथा दीपावली की बड़ी चौदस और कार्तिक माह की चौदस पर विशेष रूप से मनाई जाती है, जो आदिवासी संस्कृति की गहराई को दर्शाती है।
जोबट में दीपावली की बड़ी चौदस
जोबट नगर में दीपावली की बड़ी चौदस को आदिवासी त्योहार के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। यहां लोग दहकते अंगारों पर चलते हैं और देवताओं को धन्यवाद अर्पित करते हैं। यह आस्था का प्रतीक है, जहां भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस जोखिम भरे कार्य को बेखौफ निभाते हैं।
चमत्कारी भीलवाट देव मंदिर की परंपरा
जोबट के समीप स्थित चमत्कारी भीलवाट देव मंदिर में कार्तिकेय माह की चौदस पर यह अनुष्ठान होता है। आदिवासी समाज दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलता है, जिसे सुख-शांति और इष्ट देवी-देवताओं की शक्ति का आशीर्वाद माना जाता है। आश्चर्यजनक रूप से, भक्तों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता, जो उनकी अटूट आस्था को उजागर करता है।
यह परंपरा न केवल धार्मिक है, बल्कि आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखती है। हजारों भक्त इसमें शामिल होकर देवताओं की कृपा प्राप्त करते हैं, जो पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।







