Nov 6, 2025
उज्जैन में त्रिशूल-डमरू आकार के शादी कार्ड ने मचाई धूम, महाकाल की भस्म से बना अनोखा संगम
उज्जैन की धर्मनगरी में देवउठनी एकादशी से शुरू हुए विवाह सीजन में गोयल परिवार ने अनोखा निमंत्रण कार्ड बनाकर सबको चौंकाया। आजाद नगर निवासी पार्थ गोयल की शादी के लिए त्रिशूल और डमरू आकार का कार्ड तैयार किया गया, जिसमें बाबा महाकाल की पवित्र भस्म रखी गई। मालवा की ‘मांडना’ कला से सजा यह कार्ड भक्ति, संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक बन गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस कार्ड की हर कोई तारीफ कर रहा है।
भक्ति और कला का अद्भुत नमूना बना शादी का निमंत्रण
धर्मनगरी उज्जैन में एक शादी का निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। आजाद नगर के गोयल परिवार ने अपने बेटे पार्थ की शादी के लिए त्रिशूल और डमरू के आकार का कार्ड बनवाया है, जो भगवान शिव के प्रतीक हैं।
महाकाल की भस्म ने बढ़ाया पवित्रता
इस अनोखे कार्ड की सबसे खास बात है इसमें रखी गई बाबा महाकाल की पवित्र भस्म। परिवार ने पारंपरिक पीले चावल की जगह इस भस्म को रखकर निमंत्रण को भक्ति और आस्था का प्रतीक बना दिया है। परिवार के 10 सदस्यों ने मिलकर एक महीने में 400 कार्ड हाथों से तैयार किए, जिनमें मालवा की 'मांडना' कला की झलक भी है।
इन कार्डों को बनाने का मुख्य उद्देश्य था कि यह सिर्फ एक निमंत्रण न रह जाए, बल्कि एक ऐसी यादगार बने जिसे लोग संभालकर रखें। यह अनूठा प्रयास अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
हाथों से बनी भक्ति की मिसाल
परिवार के मुखिया सचिन गोयल ने बताया कि 10 सदस्यों ने मिलकर एक महीने में 400 कार्ड हाथ से बनाए। हर कार्ड में चावल-गेहरू से बनी मांडना कला उकेरी गई। पीले चावल की जगह दो महीने में महाकाल मंदिर से एकत्र भस्म रखी गई, जो मेहमानों तक बाबा का आशीर्वाद पहुंचाएगी। एक कार्ड की लागत ₹250, कुल खर्च ₹1 लाख। उज्जैन के सेवाधाम आश्रम के बच्चों ने भी सहयोग दिया।
संस्कृति को संजोने का संदेश
परिवार का मकसद था कि कार्ड फेंका न जाए, बल्कि पूजा कर संभालकर रखा जाए। यह प्रयास अब उज्जैन में भक्ति व सामाजिक संवेदना की मिसाल बन गया है।







