Oct 22, 2025
मध्य प्रदेश में सिरप कांड के बाद दवा जांच का नया एक्शन प्लान: हर जिले में मोबाइल लैब, 211 करोड़ का केंद्र को प्रस्ताव
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले सिरप से हुई मौतों ने राज्य को हिलाकर रख दिया है। इसी तरह बैतूल में भी दवाओं की मिलावट से जानें गईं। इन घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। हर जिले में दवाओं की माइक्रो लेवल जांच के लिए व्यापक एक्शन प्लान तैयार किया गया। इसके तहत 211 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। यह योजना दवा सुरक्षा को मजबूत करेगी और मिलावटी दवाओं पर लगाम लगाएगी।
एक्शन प्लान की मुख्य विशेषताएं
राज्य सरकार ने राज्य औषधि सुरक्षा और नियामक सुदृढ़ीकरण योजना (SSDRS 2.0) के तहत यह प्रस्ताव भेजा है। अब दवा जांच का दायरा बढ़ाकर हर जिले तक ले जाया जाएगा। वर्तमान में जांच सिर्फ भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर की चार स्टेट ड्रग लैब तक सीमित थी। नए प्लान में जिलों में मोबाइल लैब तैनात की जाएंगी, जो तत्काल जांच संभव बनाएंगी। ड्रग इंस्पेक्टरों को स्वतंत्र कार्यालय मिलेंगे। कुल 211 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 110 करोड़ हर जिले में इंस्पेक्टर कार्यालयों के लिए और 50 करोड़ चारों ड्रग लैब के अपग्रेडेशन के लिए निर्धारित हैं। शेष धनराशि मोबाइल लैब और अन्य सुविधाओं पर लगेगी।
जांच प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव
मोबाइल लैब से दवाओं की स्पॉट जांच होगी, जिससे मिलावट का पता तुरंत चलेगा। ड्रग लैबों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा, ताकि रासायनिक विश्लेषण तेज और सटीक हो। इससे नकली सिरप जैसी दवाओं का उत्पादन और वितरण रोका जा सकेगा। प्रत्येक जिले में ड्रग इंस्पेक्टर स्वतंत्र रूप से काम करेंगे, जिससे निगरानी सख्त होगी। यह कदम न केवल मौतों को रोकेगा, बल्कि दवा उद्योग को पारदर्शी बनाएगा। केंद्र से मंजूरी मिलते ही कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा।
लाभ और भविष्य की राह
यह प्लान आम जनता की सेहत की रक्षा करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्ता वाली दवाएं सुनिश्चित होंगी। राज्य सरकार का यह प्रयास दवा नियंत्रण में मील का पत्थर साबित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि SSDRS 2.0 से मिलावटी दवाओं में 70% कमी आएगी। कुल मिलाकर, सिरप कांड ने सबक सिखाया और अब मजबूत सिस्टम बनेगा।