Jul 24, 2019
विनोद शर्मा : ग्वालियर क्राइमब्रांच ने 10 जुलाई को हुए पंकज सिकरवार हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। आरोपियों के पास से हत्या के दौरान इस्तेमाल की गई एक 9 एमएम की पिस्टल और 315 बोर का कट्टा बरामद किया है। ग्वालियर क्राइमब्रांच ने मंगलवार को बीजेपी नेता पंकज सिकरवार हत्याकांड के तीन आरोपियों को धर दबोचा। पकड़े गए आरोपियों में राधेश्याम उर्फ राधे तोमर और शैलेंद्र तोमर मुरैना जिले के रहने वाले हैं जबकि तीसरा आरोपी ब्लास्टर उर्फ धीरेंद्र सिंह राजावत भिंड जिले का रहने वाला है।
इलाके में फरारी काट रहा युवक
क्राइमब्रांच को खबर मिली थी कि पंकज सिकरवार हत्याकांड का एक आरोपी राधेश्याम उर्फ राधे तोमर आदित्यपुरम इलाके में फरारी काट रहा है खबर मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने राधे तोमर को धर दबोचा। राधे तोमर से पूछताछ के बाद पुलिस ने दो अन्य आरोपियों शैलेंद्र सिंह तोमर और ब्लास्टर उर्फ धीरेंद्र राजावत को गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ में इनके पास से हत्या के दौरान इस्तेमाल की गई 9 एमएम की पिस्टल और अवैध कट्टा बरामद कर लिया। इस हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी परमाल सिंह, संजय सिंह, रमन चौहान फिलहाल गिरफ्त से बाहर है।
बीजेपी नेता पंकज सिकरवार की दिनदहाड़े हत्या
गौरतलब है कि 10 जुलाई को हजीरा के वैष्णोपुरम, गदाईपुरा में रहने वाले बीजेपी नेता पंकज सिकरवार की दोपहर एक बजे दिनदहाड़े गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। पंकज अपने यहां काम करने वाले राजू मारवाड़ी के साथ कंस्ट्रक्शन साइट से लौट रहा था। रास्ते में घात लगाए बैठे दो बदमाशों ने उसे घेरकर पिस्टल से 21 सेकंड में 7 फायर किए। इनमें से 6 गोलियां पंकज को लगीं। इसके बाद बदमाशों के दो साथी अलग-अलग बाइक से आए, जिन पर बैठकर बदमाश हथियार लहराते हुए भाग गए। पूरी वारदात पास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। लेकिन गोली चलाने वालों के चेहरे स्पष्ट न होने से उनकी पहचान नहीं हो पाई थी। हजीरा पुलिस ने पंकज की हत्या के मामले में परमाल सिंह तोमर, रमन चौहान, संजय तोमर, अनिल यादव सहित 6 बदमाशों पर मामला दर्ज किया था।
कारोबार के बंटवारे को लेकर ठनी
गैंगवार की इस कहानी पर गौर करें तो गैंगस्टर परमाल तोमर और पंकज सिकरवार गैंग में करीब तीन साल पहले डिस्क के कारोबार के बंटवारे को लेकर ठनी थी। इसी पर आपस में गोलीबारी भी हुई थी। इसके बाद एक हत्याकांड में परमाल जेल चला गया। परमाल के जेल जाने पर पंकज ने अपना वर्चस्व बढ़ाया और राजनीतिक रसूखदारों से संबंधों के चलते उसने प्रॉपर्टी, खदान, कारोबार में भी हाथ आजमाया। डेढ़ साल पहले परमाल के खास गुर्गे अभिषेक तोमर की कोर्ट पेशी से लौटते समय हुई हत्या ने दोनों की दुश्मनी को हवा दे दी। उस समय भी अभिषेक को मारने वाले शूटर के टारगेट पर परमाल ही था, लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा में उसे कोर्ट लाया गया था, इसलिए शूटर उसे मार नहीं पाए थे। इसके चलते परमाल के राइट हैंड माने जाने वाले अभिषेक की हत्या कर दी थी। अभिषेक हत्याकांड के बाद से ही परमाल गैंग पंकज सिकरवार को टारगेट किए हुए थी। नतीजन 10 जुलाई को पूरी प्लानिंग के साथ पंकज की गोलियां मारकर हत्या कर दी








