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ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में शोधार्थी छात्रों ने आम के पत्तों से बनाई शराब

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Jun 11, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : मध्य प्रदेश की ए ग्रेड यूनिवर्सिटी यानि की ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी ने कमाल कर दिखाया है। यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर के छात्रों ने आम के पत्तों से शराब बनाई है। इसमें 8 से 12 फीसदी तक अल्कोहल होगा। इसके बावजूद यह डायबिटीज की रोकथाम के साथ ही फैट कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होगी। इसे बनाने में 45-50 दिन तक का समय लगता है। वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन अब इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी कंपनी के साथ अपने फार्मूले का एमओयू साइन करने का प्रयास कर रहा है।

आम के पत्तों से शराब तैयार करने का फार्मूला ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर प्रो. जीबीकेएस प्रसाद और शोधार्थी छात्रों ने तलाश किया है। इसमें आम के पत्तों में पाए जाने वाले मैंगो फेरीन है, जो तमाम बीमारियों की रोकथाम में मददगार होता है। खास बात यह है कि आम के पत्ते पूरे साल उपलब्ध रहते हैं, जिससे यह शराब किसी भी सीजन में बनाई जा सकती है। इसे ग्लूकोज, कार्बोहाइड्रेट और पेप्टॉन प्रोटीन के क्रियावन के द्वारा बनाया गया है।

-आम के पत्तों की शराब में मैंगो फेरीन होता है, इससे डायबिटीज की रोकथाम होती है। शरीर का फैट कम होता है। इसमें एंटी वैक्टीरियल गुण भी होते हैं। 

-गैलिक एसिड, पैरासिटिन, कैटाइचिन, इपि कैटाइचिन शरीर के क्षतिग्रस्त नहीं होने देता। 

एस्कॉर्बिक एसिड रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसमें कैल्शियम भी होता है जो हडि्डयों के लिए लाभदायक होता है। वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन अब इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी कंपनी के साथ अपने फार्मूले का एमओयू साइन करने का प्रयास कर रहा है। 

बहरहाल ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयोग होते रहते है, लेकिन प्रयोग इसलिए भी खास है, कि क्योंकि यहां आम के पत्तों से शराब बनाई जा रही है। बहरहाल यूनिवर्सिटी इसे अब पेंटेट कराने जा रही है, जिससे उनका फार्मूला कोई कॉपी न करें। साथ ही वह बाजार में भी आ जाए।