Loading...
अभी-अभी:

ग्वालियर : 15 हजार हेक्टेयर गोचर भूमि गायब, जमीनों की 552 फाइलों की तलाश जारी

image

Nov 23, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में साल 2004 के बाद से 15 हजार हेक्टेयर चरनोई यानि की गोचर की भूमि गायब हो गयी है। आनन-फानन में इसकी कलेक्टर ने इसकी जांच बैठा दी है लेकिन मासला रसूखदार भूमाफियों से जुड़ा हुआ है, तो प्रशासन भी कुछ नही कर पा रहा है क्योंकि उसके ही लैंड रिकोर्ड विभाग में इन जमीनों की 552 फाइलें गायब है। जिनकी बढ़ी शिद्दत से तलाश की जा रही है। वहीं कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमला कर रही है। लेकिन इस बीच यही सवाल है क्या 15 हजार हेक्टेयर जमीन शासन को वापस मिल पाएंगी।

मध्य प्रदेश में 1968 के बाद भू अभिलेख विभाग में रिसायतकालीन जमीन को चरनोई यानि की गोचर की भूमि के लिए हर एक ग्राम पंचायत में आरक्षित किया गया था। लेकिन आज वो जमीन सरकारी नक्शें से गायब हो गयी है। आनन-फानन में इसकी जांच बैठाली गयी है तो चौकानें वाले खुलासे हो रहे है। जिसमें 552 फाइलें गायब है तो वहीं 15 हजार हेक्यटेर चरनोई यानि की गोचर की भूमि तो वहीं 23 हजार पड़त (सरकारी उपजाऊ) भूमि पर दंबगों का कब्जा मिला है। 

ग्वालियर जिले में अगर इसे सिल सिलेवार तरीकें से समझे तो.....

• ग्वालियर जिले में 256 ग्राम पंचायत है।

• 612 राजस्व ग्राम है।

• 15 हजार हेक्यटेर चरनोई (गोचर) की भूमि।

• 23 हजार पड़त (सरकारी उपजाऊ) भूमि।

• इन भूमियों की 552 फाइलें मिसिंग है।

• भूअभिलेख विभाग और जिला प्रशासन ने जांच कमेटी बैठाई हुई है।

ये जो आंकड़े है, वो चौकानें वाले है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों इस मुद्दे पर आमने समाने आ गए है। कांग्रेस कह रही है ये सारी 2004 के बाद से गायब हुई है। साथ ही जमीनों का या ये घोटाला बीजेपी के भूमफियों की देन है जिसका कांग्रेस सरकार जांच करा रही है। साथ ही दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शनें वाली नही है। वहीं बीजेपी कह रही है, ये कारेनामें किसी और के नही है बल्कि कांग्रेस के क्योंकि जो भी घोटला करते है, उसे तत्कालीन शिवराज सरकार पर थोपने का काम करते है।

जमीन घोटाले की जांच तेज 
बहरहाल कमलनाथ सरकार आने के बाद ग्वालियर के जिला प्रशासन और भूअभिलेख विभाग ने इस जमीन घोटाले की जांच तेज कर दी है। साथ ही जो आकड़े प्रशासनिक अफसरों को मिले है, उसमें दस हजार हेक्टेयर जमीन पर दबंगों का कब्जा है। ऐसे में अफसर उन जमीनों को लिस्टेड कर रहे है जिन पर कब्जाधारी दंबगों पर बेदखली की कार्रवाई करने के साथ-साथ प्रशासन के निचले राजस्व के आधिकारियों को राउंडअप कर रहे है जिनकी शह पर जमीनों का ये फर्जीवा़ड़ा हुआ है।