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ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर सीढ़ियों से गिरकर 80 साल के बुजुर्ग की मौत, रेलवे प्रशासन की लापरवाही उजागर

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Nov 28, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : ग्वालियर रेलवे स्टेशन को जहां एक ओर स्मार्ट स्टेशन बनाने की कवायद की जा रही है तो वहीं रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले लोग ही अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा आज रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर दो पर देखने को मिला जब एक 80 साल का बुजुर्ग सीढ़ियों से गिरने पर घायल हो गया, लेकिन काफी देर तक उन्हें इलाज नहीं मिला जिसके कारण उनकी तड़प तड़प कर मौत हो गई है।

यात्रियों ने रेलवे प्रशासन के खिलाफ की कार्रवाई की मांग 
जानकारी के मुताबिक बुजुर्ग कृष्ण गोपाल चोपड़ा ग्वालियर से दिल्ली जाने के लिए रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 से नीचे उतर रहे थे तभी सीढ़ियों से उनका पैर फिसल गया और वे सर के बल नीचे गिर पड़े जिसके कारण उनके सर के पीछे गहरी चोर पहुंची थी और वे अचेत हो गए। उनके गिरते ही आसपास से गुजरने वाले मुसाफिरों ने उन्हें संभालने की कोशिश करते हुए रेलवे स्टेशन अथॉरिटी को इस हादसे की तुरंत सूचना दी लेकिन करीब 30 मिनट तक ना तो जीआरपी पुलिस का कोई जवान वहां पहुंचा था और ना ही  45 मिनट तक कोई डॉक्टर उनकी मदद के लिए पहुंचा था इसी बीच दिल्ली जा रहे कृष्ण गोपाल चोपड़ा ने सीढ़ियों पर पड़े पड़े दम तोड़ दिया जिसके बाद प्रत्यक्षदर्शियों में रेलवे की लापरवाही पूर्ण व्यवस्था को लेकर काफी आक्रोश भी देखने को मिला। उनका कहना था कि जब बुजुर्ग सीढ़ियों से फिसला था उस समय वह लोग उसकी मदद के लिए आगे बढ़े थे और उन्होंने तुरंत डॉक्टरी मदद के लिए डिप्टी एसएस को जानकारी दी थी लेकिन इन सबके बावजूद भी आरपीएफ के एक जवान को छोड़कर कोई भी मदद के लिए नहीं पहुंचा। रेलवे प्रशासन की लापरवाही भरे रवैया पर यात्रियों ने कार्रवाई की मांग की है।

तमाम दावों की खुली पोल
बुजुर्ग कृष्ण गोपाल चोपड़ा की इलाज नहीं मिलने से हुई मौत ने रेलवे अथॉरिटी के यात्रियों को दिए जाने वाले सुविधाओं के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है। ऐसे में बुजुर्ग की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं,कि जब जीआरपी,आरपीएफ और रेलवे के सैकड़ों कर्मचारी स्टेशन पर मौजूद रहते हैं तो फिर घायल को तुरंत इलाज मुहैया कराने में लापरवाही क्यों बरती गई। बुजुर्ग इलाज केेेे लिए इंतजार करता रहा और सैकड़ों लोगों के सामने उसकी मौत हो जाती है।  लेकिन देखने वाली बात होगी कि बुजुर्ग की  मौत के लिए  देरी से पहुंचने वाले जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं। इतना ही नही जिन सीढ़ियों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग चढ़ते -उतरते है उन सीढ़ियों के किनारों पर मेटल प्लेट न होने से आये दिन लोग फिसल कर दुर्घटना का शिकार होते है ऐसे में लापरवाह ठेकेदार भी कार्यवाही के दायरे में आता है।