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ग्वालियर में धूमधाम से मनाया गया विजय दिवस, 25 सैनिकों का किया सम्मान

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Dec 16, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को विजय दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से बनाया गया। इस दौरान उस समय के युद्ध में शामिल 25 सैनिकों सम्मान किया गया। कार्यक्रम में कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रद्धुमन सिंह तोमर भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होनें मुख्यमंत्री कमलनाथ के संदेश का वाचन किया। इसके साथ ही अमर शहीदों को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत देश न पहले कमजोर था और न ही आज कमजोर है। विजय दिवस पर हम सब को यह याद रखना चाहिए कि सभी नागरिकों को चाहे वे किसी भी मजहब, जाति या पंथ को मानने वाले हों, सबका यह कर्तव्य है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत बनाएं। अपने शहीदों का गुणगान करें।

संदेश में कहा कि वर्ष 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्घ एक सैन्य संघर्ष था। यह संघर्ष तीन दिसंबर 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर को ढाका में पाक सेना के समर्पण के साथ समाप्त हो गया। इस युद्घ की शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत की वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले किए थे। इसमें भारतीय सेना का पाकिस्तान से पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर संघर्ष हुआ। भारतीय सेना ने पाक सेना को दोनों मोर्चो पर परास्त किया। हताश पाकिस्तानी सेना समर्पण के लिए मजबूर हुई। इसी के साथ पूर्वी पाकिस्तान एक नए देश बांग्लादेश के रूप में स्थापित हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी जीत को हम आज विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। यह युद्ध दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व और अद्वितीय राष्ट्रवाद की अद्भुत मिसाल होने के साथ-साथ भारतीय जांबाज सैनिकों के अदम्य शौर्य का प्रतीक है। इस युद्घ में पाकिस्तान के 93000 सैनिक घुटने टेकने पर मजबूर हुए और उन्हें समर्पण करना पड़ा था।